नई दिल्ली :कृषि कानूनों को निरस्त करने का एलान (Farm Law withdrawal) होने के बाद भी किसान संगठन आंदोलन से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. इस पर पंजाब भाजपा प्रभारी तरुण चुग ने कहा है कि किसान संगठनों को अपने फैसले पर दोबारा विचार करना चाहिए. ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना ने भाजपा महासचिव तरुण चुग (BJP Gen Sec Tarun Chugh) से विशेष बातचीत की.
ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान चुग ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हर पल किसानों का साथ दिया है. बावजूद इसके अगर किसान अभी तक आंदोलन खत्म नहीं कर रहे तो उन्हें मन में द्वेष नहीं रखना चाहिए. चुग ने कहा कि केंद्र सरकार किसान हितकारी है.
चुग ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कृषि कानूनों को शीतकालीन सत्र में वापस लेने की घोषणा की है. ऐसे में किसान संगठनों को आंदोलन वापस लेने पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू करने के फैसले से लेकर कृषि बजट सवा लाख करोड़ रुपये का करने तक, प्रधानमंत्री इन फैसलों में हमेशा से किसानों के साथ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि आंदोलन कर रहे किसानों को सोचना चाहिए कि प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक घोषणा की है. ऐसे में वह किसानों के हित में ही की होगी. इस सवाल पर कि राकेश टिकैत ने यहां तक कहा है कि अचानक से यह घोषणा की गई, ऐसे में जरूर इसके पीछे सरकार की प्लानिंग है ? चुग ने कहा कि प्रधानमंत्री का दिल बहुत बड़ा है उन्होंने जो भी घोषणा की है किसानों के हित में की है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने यह फैसला किसी को हराने के लिए नहीं बल्कि सब का दिल जीतने के लिए लिया है.
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पंजाब भाजपा प्रभारी तरुण चुग ने पंजाब प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और असदुद्दीन ओवैसी के बयानों की भी निंदा की.