नई दिल्ली :केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक सुजॉय लाल थाउसेन (CRPF DG Sujoy Lal Thaosen) ने ईटीवी भारत के साथ विशेष साक्षात्कार में कहा कि 'जम्मू-कश्मीर में हमने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर काम किया और उन्हें सेना विशेषकर राष्ट्रीय राइफल्स द्वारा मदद की जाती है. अगर आप देखें तो आतंकी घटनाओं में कमी आई है साथ ही नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों के मारे जाने की संख्या में भारी कमी आई है. हालांकि जम्मू-कश्मीर में चिंता का विषय गैर-स्थानीय लोगों को निशाना बनाया जाना है.'
उन्होंने कहा कि बाग, कृषि क्षेत्र आदि में काम करने वाले लोग जो ओडिशा, यूपी या अन्य जगहों से दैनिक मजदूरी के लिए आते हैं, उनकी पहचान की जाती है और उन्हें निशाना बनाया जाता है. थाउसेन ने कहा, 'यह डर की भावना पैदा करता है, जो चिंता का विषय है. हम हर तरह की सुरक्षा देने के लिए तैयार हैं. हालांकि, व्यक्तिगत सुरक्षा देना संभव नहीं है.'
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने हाल ही में संसद में बताया कि जनवरी 2022 से इस साल नवंबर तक जम्मू-कश्मीर में 3 कश्मीरी पंडितों सहित अल्पसंख्यकों के 14 लोग मारे गए हैं.
सरकारी रिकॉर्ड बताते हैं कि 2022 में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में 184 आतंकवादी मारे गए हैं, जबकि 124 आतंकवादी घटनाएं हुईं जिनमें 31 सुरक्षाकर्मी और 31 नागरिक मारे गए हैं. 2021 में जम्मू-कश्मीर में 229 आतंकवादी घटनाएं हुईं, जिसमें 42 सुरक्षाकर्मियों और 41 नागरिकों की जान गई थी.
यह कहते हुए कि जम्मू-कश्मीर में हाइब्रिड आतंकवादी भी एक प्रमुख मुद्दा बन गए हैं, थाउसेन ने कहा कि ऐसे आतंकवादियों को केवल तभी नियंत्रित किया जा सकता है, जब हम राष्ट्र-विरोधी भावनाओं और अभाव की भावना को समाप्त कर दें. उन्होंने कहा कि अब लोग ऑनलाइन कट्टरपंथी हो रहे हैं. आपको ऐसी व्यवस्था की आवश्यकता है जहां देश के हितों के खिलाफ जाने वाले सभी लोगों के लिए कानून बहुत कठोर हो. उन्होंने कहा कि स्कूल और कॉलेज में देशभक्ति की भावना आनी चाहिए.
पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों की भारत में घुसपैठ के बारे में पूछे जाने पर थाउसेन ने कहा कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों के घुसपैठ की संभावना तब तक बनी रहती है जब तक ये संगठन सक्रिय रहते हैं. जो आतंकवादी संगठन उस देश में सक्रिय और स्वीकृत हैं, उन्हें राजनीतिक, वित्तीय और रसद समर्थन मिलता है.
डीजी ने कहा कि 'यहां नियमित शिविर होते हैं जहां लोगों को विध्वंसक गतिविधियों का संचालन करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है इसलिए, हमें इसे खत्म करने की जरूरत है. यहां आतंकवाद को भड़काने और उसका समर्थन करने वाले उस तरह के ईको सिस्टम को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की बहुत जरूरत है.' डीजी ने कहा कि 'जब तक फंडिंग बंद नहीं की जाती, वे आतंकी गतिविधियां जारी रखेंगे.'
माओवाद का भी किया जिक्र :मध्य प्रदेश कैडर के 1988 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी थाउसेन ने वामपंथी चरमपंथी (एलडब्ल्यूई) क्षेत्रों का जिक्र करते हुए कहा कि 8-10 साल पहले जो स्थिति थी, अब उसमें काफी सुधार हुआ है.