दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

प्रदूषण ने बिगाड़ा जायका, MP में तंदूर पर रोक के बाद शुरू हुई सियासत

मध्यप्रदेश में तंदूर पर रोग लगाई गई है. प्रदेश में तंदूर पर लगी रोक को लेकर सियासत शुरू हो गई है. वहीं कांग्रेस ने इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है. तंदूर पर रोक से होटल और रेस्टोरेंट मालिकों की भी मुश्किलें बढ़ा दी है.

tandoor ban in 4 city of mp
तंदूर पर रोक

By

Published : Feb 9, 2023, 10:39 PM IST

तंदूर पर रोक के बाद सियासत

इंदौर। मध्य प्रदेश के चार प्रमुख शहरों में पर्यावरण के मद्देनजर तंदूर पर लगी रोक ने स्वाद के शौकीनों को तो झटका दिया ही है. अब एमपी में तंदूर को लेकर सियासत भी शुरु हो गई है. पर्यावरण के मामले में निशाने पर तंदूर ही क्यों. इस सवाल के साथ कांग्रेस जहां इस फैसले का मखौल उड़ा रही है. वहीं तंदूर पर रोक से होटल रेस्टोरेंट में तंदूर ना होने से रोटी के जायके पर भी खतरा मंडराने को है.

प्रशासन का तर्क: मध्यप्रदेश में एयर क्वालिटी इंडेक्स सुधारने के लिए खाद एवं सुरक्षा विभाग ने इंदौर भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर जैसे प्रमुख शहरों में तंदूर और भट्टी जलाने पर रोक का ऐलान किया है. इस फैसले का जहां होटल एवं रेस्टोरेंट संचालक विरोध कर रहे हैं. वही इंदौर नगर निगम ने इस आदेश को अब शहर में सख्ती से लागू करने का फैसला किया है. इधर कांग्रेस ने इस फैसले को हास्यास्पद बताते हुए तंदूर और भट्टी से पहले शहरों में प्रदूषण की वजह बनने वाले वाहनों और उद्योग धंधों पर ध्यान देने की नसीहत राज्य शासन को दी है. दरअसल राज्य शासन के इस फैसले के पीछे का तर्क है कि तंदूर में कोयला और लकड़ी के धुएं से प्रदूषण फैलता है. इसको लेकर निगम के अधिकारियों का कहना है की तंदूर की रोटियों में कार्बन भी ज्यादा होता है और यह सेहत के लिए हानिकारक है. लिहाजा तंदूर के बजाय अब बिजली या एलपीजी गैस के चूल्हे लगना चाहिए.

निगम आयुक्त का बयान

स्वाद के शौकीनों को लग सकता है झटका, MP के इस जिले में तंदूर पर रोक

तंदूर पर सियासत:इधर कांग्रेस के प्रदेश सचिव नीलाभ शुक्ला का कहना है कि राज्य शासन और प्रदूषण नियंत्रण मंडल किस तरह के तुगलकी और हास्यास्पद फरमान के जरिए महज प्रदूषण रोकने की खानापूर्ति कर रहा है. नीलाभ शुक्ला के मुताबिक इस तरह के हास्यास्पद फैसले से सदियों से परंपरागत तरीके से तंदूर पर बनने वाले भोजन से लोग वंचित रह जाएंगे. जबकि सबसे ज्यादा प्रदूषण शहर में वाहनों और कारखानों के धुएं से फैल रहा है. कांग्रेस ने इस फैसले पर पुनर्विचार करने के साथ मांग की है कि सरकार को अपने इस आदेश को वापस लेना चाहिए और धुएं की उचित निकासी की शर्त के साथ होटलों और ढाबे में तंदूर की अनुमति देना चाहिए.

तंदूरी रोटीओं का खास आकर्षण:लजीज, कड़क, बटर तंदूरी रोटियां, सादी, गार्लिक, बटर नान, चूर चूर नान लच्छा पराठा को लेकर बाहर खाना खानेवालों के लिए तंदूरी रोटी बड़ा आकर्षण रहता है. तंदूरी रोटी पर बैन लगने से ढाबा होटल मालिकों के कारोबार पर जबरदस्त असर पड़ना तय दिख रहा है. यही कारण है कि ढाबा और होटल संचालक इस आदेश का जोरदार विरोध कर रहे हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details