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तमिलनाडु : नवरात्रि की अनूठी परंपरा, गोलू गुड़िया रख की जाती है पूजा - गोलू गुड़िया तमिलनाडु में

वैसे तो नवरात्रि का त्योहार (Navratri Festival) पूरे देश में मनाया जाता है और हर राज्य में इसे मनाने का तरीका भी अलग है. तमिलनाडु राज्य में भी इसे खास तरीके से मनाया जाता है. यहां पर लोग अपने घरों में गोलू गुड़िया (Golu Doll) रखते हैं और उसकी पूजा करते हैं. तो चलिए जानते हैं इसके बारे में...

गोलू गुड़िया
गोलू गुड़िया

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Published : Sep 25, 2022, 1:06 PM IST

तिरुनेलवेली : नवरात्रि का त्योहार (Navratri Festival), हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है और पुराणासी महीने में प्रतिवर्ष मनाया जाता है. इस साल 26 सितंबर से नवरात्रि पर्व शुरू होने जा रहा है. हिंदू उस दिन नवरात्रि पर्व मनाते हैं, जिस दिन मां दुर्गा (Durga Pooja) ने नौ दिनों की तपस्या के बाद महिषासुर का वध किया था. कर्नाटक के मैसूर में मनाया जाने वाला नवरात्रि उत्सव विश्व प्रसिद्ध है. वहीं, इस नवरात्रि पर घरों में गुड़िया रखने की अनूठी परंपरा भी है. तमिलनाडु के तूतीकोरिन जिले के कुलसेकरनपट्टनम में नवरात्रि उत्सव खास तरीके से मनाया जाता है. यहां पर नवरात्रि पर्व की मुख्य विशेषता गोलू गुड़िया (Golu Doll) को घर में रखना है. लोगों के लिए अमावस्या के दिन पूजा करने और अगले दिन से गोलू गुड़िया अपने घरों में रखने की प्रथा (custom of buying Golu dolls in Tamil Nadu) है.

इसलिए बाजारों में गोलू गुड़िया की बिक्री शुरू हो गई है. हालांकि, अब तक कई लोगों ने सोचा है कि गोलू गुड़िया एक ऐसी चीज है जो केवल अमीर और आलिशान घरों में ही रख सकते हैं. लेकिन गोलू गुड़िया को किसी आलिशान घर या सुविधा की आवश्यकता नहीं है. नेल्लई के गोलू मरियप्पन बताते हैं कि लोग अपने घरों में सिर्फ तीन गुड़िया भी रख सकते हैं. त्यागराजनगर, नेल्लई की रहने वाले मरियप्पन सरकारी कृषि विभाग में कार्यरत हैं. उन्हें गोलू मरियप्पन के नाम से जाना जाता है, क्योंकि वह पिछले 47 सालों से अपने घर में गोलू कठपुतली की पूजा कर रहे हैं.

नवरात्रि में गोलू गुड़िया रखने की है प्रथा

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मरियप्पन गोलू डॉल के लिए कई अवॉर्ड भी जीत चुके हैं. मरियप्पन आसानी से गोलू गुड़िया को घर में रखने के तरीके के बारे में बताते हुए कहते हैं कि 'केवल नवरात्रि के दिनों में ही देवी हमारे घर आती हैं और कृपा देती हैं. इसलिए जो लोग गोलू गुड़िया रखना चाहते हैं, वे सिर्फ गोलू कदम खरीदते हैं और लक्ष्मी, पिल्लैयार और सरस्वती की केवल तीन गुड़िया के साथ पूजा करते हैं. 47 साल पहले हम केवल तीन गुड़िया रखते थे और गोलू मनाते हैं. अब इसके 47वें वर्ष में हमने 9 कमरों में 5000 गोलू गुड़िया रखी हैं.

गोलू के समय हमारे घर में हिंदू, मुस्लिम और ईसाई जैसे सभी समुदायों के लोग आते थे. गोलू गुड़िया हमारे घर को तरोताजा कर देती है. ऐसे में इस साल हाल ही में चेन्नई में हुई वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप में भरतनाट्यम देखने में दुनियाभर के लोगों ने आनंद लिया. इसलिए, हमारे पास भरतनाट्यम गुड़िया हैं जो नवरसम भी दे सकती हैं. उन्होंने कहा कि 'हर साल लोग एक महीने पहले गोलू गुड़िया की होड़ में लग जाते हैं, लेकिन इतनी गुड़िया रखने की जरूरत नहीं है. मात्र तीन गुड़ियों से पूजा करना काफी है. बड़े घरों का होना जरूरी नहीं है, छोटे घरों में भी सरल तरीके से पूजा की जा सकती है. अगर इसे गोलू गुड़िया की प्रथा के रूप में देखा जाए.'

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