चेन्नई: तमिलनाडु पुलिस ने एक महिला को लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) के लिए कथित रूप से धन इकट्ठा करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. यह धन आंदोलन को फिर से चलाने के लिए एकत्र किया जा रहा था.
पुलिस के अनुसार श्रीलंका की रहने वाली मैरी फ्रांसिस्को (40) कई साल पहले कनाडा चली गईं और वहां की स्थायी निवासी बन गईं. उसे चेन्नई हवाई अड्डे पर उस समय रोका गया जब वह मुंबई जाने के लिए एक विमान में सवार होने की तैयारी कर रही थी. संदिग्ध के पास से फर्जी भारतीय पासपोर्ट बरादम किया गया. उसने स्टेट इंटेलिजेंस के जांचकर्ताओं को बताया कि जर्मनी और स्विटजरलैंड में लिट्टे के दो पूर्व सदस्यों ने बैंक खातों में लावारिस पड़े भारी धन को कैसे निशाना बनाया.
इसके अलावा उसने कहा कि भारत, कनाडा, सिंगापुर और मलेशिया से बाहर लिट्टे समर्थित लोगों का एक बड़ा नेटवर्क है जो नकली दस्तावेजों का इंतजाम कर के पैसे निकवाले में मदद करते हैं. इन पैसों को भारत में कंपनियों और व्यक्तियों के खाते में भेजा जाता है और फिर उन पैसों से आंदोलन को हवा दी जाती है.
ये भी पढ़ें- असम में 246 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया; दो संगठन फरवरी में हथियार डालेंगे : हिमंत
मैरी फ्रांसिस्को ने कहा कि वह संगठन से जुड़े दो आरोपियों के निर्देश पर भारत आयी और चेन्नई के अन्ना नगर में किराये पर रहने लगी. इसके बाद फर्जी दस्तावेजों के आधार पर गैस कनेक्शन ले लिया. साथ ही अलग-अलग बैंकों में खाते खुलवाने में कामयाब रही है. कुछ एजेंटों की मदद से उसने एक पैन कार्ड, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और भारतीय पासपोर्ट भी प्राप्त कर लिया. फ्रांसिस्को ने कहा कि कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर मुंबई में इंडियन ओवरसीज बैंक की एक शाखा में एक ज्वाइंट एकाउंट से करोड़ो रुपये निकालने का काम सौंपा गया है.