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Tamil Nadu NEET Controversy : नीट परीक्षा को लेकर गवर्नर और सीएम में ठनी, जानिए दबाव में छात्र क्यों दे रहे जान

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Published : Aug 15, 2023, 5:04 PM IST

Updated : Aug 15, 2023, 5:11 PM IST

तमिलनाडु में राष्ट्रीय प्रवेश सह पात्रता परीक्षा (NEET) परीक्षा को लेकर गवर्नर और सीएम में ठन गई है. सीएम स्टालिन ने जहां राष्ट्रपति से दखल देने की अपील की है, वहीं, राज्य के शिक्षामंत्री का भी कहना है कि गवर्नर से नीट विरोधी बिल का कोई लेना-देना नहीं है.

Tamil Nadu NEET controversy
नीट परीक्षा को लेकर गवर्नर और सीएम में ठनी

नई दिल्ली :तमिलनाडु में नीट परीक्षा को लेकर सियासी घमासान तेज है. तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि जहां स्नातक चिकित्सा कार्यक्रमों के लिए राष्ट्रीय प्रवेश सह पात्रता परीक्षा (एनईईटी) को उचित ठहरा रहे हैं. वहीं, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इसके खिलाफ जमकर हमला बोला है. स्टालिन ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर तमिलनाडु के नीट रोधी विधेयक को जल्द से जल्द मंजूरी देने की अपील की है.

तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री सुब्रमण्यम का भी कहना है कि गवर्नर का नीट विरोधी विधेयक से कोई लेना-देना नहीं है और यह विधेयक अनुमोदन के लिए भारत के राष्ट्रपति के पास भेजा गया था. दरअसल इस मामले ने हाल में एक छात्र के खुदकुशी करने के बाद ज्यादा तूल पकड़ा है. इस मौत के साथ, तमिलनाडु में एनईईटी को लेकर छात्रों की आत्महत्या के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है.

चेन्नई के छात्र ने की थी खुदकुशी :बीते दिनों जगदीश्वरन नाम के 19 वर्षीय युवक ने खुदकुशी कर ली थी. वह नीट की तैयारी के लिए कोचिंग कर रहा था. बार-बार असफल होने का सदमा बर्दाश्‍त नहीं कर सका और छात्र ने शनिवार को चेन्नई के क्रोमपेट स्थित आवास पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बेटे के गम में पिता ने भी जान दे दी. इसके बाद सीएम स्टालिन ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि नीट परीक्षा को हटाया जा सकता है. राज्य सरकार नीट पर प्रतिबंध लगाने की बाधाओं को दूर करने की दिशा में कानूनी कदम उठा रही है. साथ ही उन्होंने छात्रों से दबाव में आकर ऐसा कदम नहीं उठाने की अपील की थी.

एनईईटी विरोधी विधेयक :दरअसल जून 2021 में स्टालिन की सरकार ने यह जांचने के लिए न्यायमूर्ति एके राजन समिति की नियुक्ति की कि क्या NEET मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए उम्मीदवारों का चयन करने का एक न्यायसंगत तरीका है. समिति ने उस वर्ष सितंबर में अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें एनईईटी की आलोचना की थी.

समिति की रिपोर्ट में क्या :समिति ने कहा था कि इसने सामाजिक विविधता को कमजोर किया है और चिकित्सा शिक्षा में समृद्ध लोगों का पक्ष लिया है. इसके साथ ही समिति ने उपयुक्त कानून पारित करके इसे खत्म करने के लिए तत्काल कदम उठाने की सिफारिश की थी.

समिति की रिपोर्ट में कहा गया था कि 'तमिलनाडु में मेडिकल प्रवेश पर एनईईटी का प्रभाव' है. इस परीक्षा ने कोचिंग करने वाले छात्रों को असमान रूप से लाभान्वित किया है और पहली बार आवेदन करने वालों के साथ भेदभाव किया है. इसी वजह से NEET की शुरुआत के बाद अरियालुर और पेरम्बलुर जैसे पिछड़े जिलों में सीट हिस्सेदारी में 50% की गिरावट और चेन्नई जैसे शहरी केंद्रों से प्रतिनिधित्व में वृद्धि देखी गई है.

इसलिए दबाव में हैं छात्र :रिपोर्ट में कहा गया था कि परीक्षा अपने मौजूदा स्वरूप में गरीब और तमिल माध्यम के छात्रों के साथ भेदभाव करती है और वित्तीय पृष्ठभूमि वाले छात्रों के लिए समान अवसर प्रदान नहीं करती है. राजनेताओं का भी तर्क है कि NEET शहरी पृष्ठभूमि के धनी छात्रों को विशेषाधिकार देता है. NEET में बार-बार प्रयास करके मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पाने वाले छात्रों का प्रतिशत 2016-17 में 12.47 प्रतिशत था जो 2020-21 में 71.42 प्रतिशत हो गया. प्रतिष्ठित मेडिकल सीट पाने के लिए दूसरी या तीसरी बार परीक्षा देने के लिए वित्तीय और सामाजिक संसाधनों की आवश्यकता होती है. यह गरीब सामाजिक पृष्ठभूमि वाले परिवारों की पहुंच से बहुत दूर है.

NEET का आयोजन 2013 से किया जा रहा है. परीक्षा का कड़ा राजनीतिक विरोध 2017 में 17 वर्षीय दलित लड़की की आत्महत्या के कारण हुआ था, जो स्कूल टॉपर थी लेकिन NEET पास नहीं कर पाई थी.

सितंबर 2021 में बिल पास :सितंबर 2021 में तमिलनाडु विधानसभा ने सभी दलों के समर्थन से तमिलनाडु अंडरग्रेजुएट मेडिकल डिग्री पाठ्यक्रम प्रवेश विधेयक, 2021 पारित किया था. इसके जरिए एनईईटी को खत्म करने और कक्षा 12 के अंकों के आधार पर मेडिकल पाठ्यक्रम में प्रवेश की अनुमति देने के लिए पारित किया गया था. हालांकि जिस दौरान ये बिल पास हुआ बीजेपी ने वॉक आउट किया था.

कई मुद्दों पर आमने-सामने हैं द्रमुक और राज्यपाल :तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विधानसभा ने उस विधेयक को फिर से अपना लिया है, जिसमें राज्यपाल द्वारा लौटाए जाने के बाद तमिलनाडु राज्य को नीट से छूट देने की मांग की गई थी. उन्होंने कहा कि अगर भारत के राष्ट्रपति नीट विरोधी बिल से संतुष्ट हैं और मंजूरी मिल जाती है तो वह जानकारी राज्यपाल के साथ साझा की जाएगी. तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि और सत्तारूढ़ द्रमुक कई मुद्दों पर आमने-सामने हैं और नीट उनमें से एक है.

डीएमके चलाएगी अभियान :राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) के खिलाफ डीएमके राज्यव्यापी अभियान चलाने की तैयारी कर रही है. तमिलनाडु में सत्तारूढ़ दल डीएमके के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, सत्तारूढ़ द्रमुक पूरी तरह से एनईईटी के खिलाफ है और पार्टी राज्यव्यापी अभियान चलाने की योजना बना रही है.

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Last Updated : Aug 15, 2023, 5:11 PM IST

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