कोयंबटूर:सिरुमुगई के पास गणेशपुरम गांव के 75 वर्षीय पलानीचामी के दो बेटे हैं. 2019 में पत्नी सरस्वती (59) नहाने जाते समय अचानक बेहोश हो गईं और उनकी मौत हो गई (Tamil nadu Man daily worship wife idol).
पलानीस्वामी इस सदमे को सहन नहीं कर सके. वह सरस्वती से बिछुड़ना नहीं चाहते थे, इसलिए पत्नी के शव को बगीचे में ही दफना दिया. बाद में पलानीचामी ने अपनी पत्नी सरस्वती के लिए एक स्मारक हॉल बनाने के बारे में सोचा. इसके बाद पलानीचामी ने उस स्थान पर एक स्मारक हॉल का निर्माण किया जहां उनकी पत्नी को दफनाया गया था. पहली जयंती पर सरस्वती की प्रतिमा स्थापित की.
तब से से पालनीचामी रोजाना दो बार दीपक जलाकर अपनी पत्नी की मूर्ति की पूजा करते हैं. उनका कहना है कि वह इसलिए कहीं नहीं जाते कि कहीं पूजा न छूट जाए. जब सरस्वती जीवित थीं, तब उन्होंने एक नया घर बनाया और उसका नाम पलानीचामी - सरस्वती हाउस रखा.
इस बारे में किसान पालनीचामी ने कहा, 'हम दोनों शादी के दिन से ही खुशी-खुशी रहते थे. 45 साल में हमारे बीच एक भी लड़ाई नहीं हुई. जब दोनों एक साथ रह रहे थे तो उनकी अचानक मौत मेरे लिए एक बहुत बड़ा सदमा थी. चूंकि मैं साथ रहना चाहता है, मैंने उनके लिए एक स्मारक हॉल बनाया है और उसमें एक मूर्ति स्थापित की है, जिसकी पूजा कर रहा हूं.'
उन्होंने बताया कि 'मैंने तिरुपुर के पास थिरुमुरुगन बूंदी में एक मूर्तिकला गैलरी से सरस्वती की मूर्ति बनवाई. मैं उसके साथ बिताए पलों को हमेशा याद रखूंगा. मैं यह स्वीकार नहीं कर पा रहा था कि वह मुझे छोड़ कर चली गई है, जिसने कभी भी किसी भी परिस्थिति में मेरा साथ नहीं छोड़ा. मैं हर दिन उसकी याद में जी रहा हूं.'
उनका कहना है कि 'आज के समय में पति-पत्नी अपने बीच उत्पन्न होने वाली सभी छोटी-छोटी समस्याओं के कारण तलाक के लिए अदालत जाते हैं. पति-पत्नी दोनों को एक-दूसरे को समझना चाहिए. पति को चाहिए कि पत्नी की बात बिना खटके माने, उसी प्रकार यदि पत्नी पति की बात सुन ले तो दोनों के बीच किसी भी स्थिति में झगड़ा नहीं होगा और प्रेम की जीत होगी.'
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