चेन्नई : तमिलनाडु सरकार ने डीजीपी रैंक के एक अधिकारी पर एक अधीनस्थ अधिकारी द्वारा कथित रूप से यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए जाने के बाद उन्हें 'अनिवार्य प्रतीक्षा' में रखा है और आरोपों की जांच के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक समिति गठित की है.
अतिरिक्त मुख्य सचिव एस के प्रभाकर की ओर से जारी गृह विभाग के आदेश में कहा गया है कि विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) राजेश दास के खिलाफ आरोप लगा है और उन्हें डीजीपी कार्यालय में 'अनिवार्य प्रतीक्षा' में रखा गया है.
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दास की जगह के जयंत मुरली को सतर्कता और भ्रष्टाचार रोधी का अतिरिक्त डीजीपी-निदेशक बनाया गया है. प्रभाकर द्वारा जारी एक अन्य आदेश में सरकार ने शिकायत की जांच के लिए आईएएस और आईपीएस अधिकारियों समेत छह सदस्यों की जांच समिति बनायी है.
योजना और विकास विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव जयश्री रघुनंदन इस समिति की अध्यक्षता करेंगी. बहरहाल, द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने एक बयान में मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी से शिकायत पर तत्काल कदम उठाते हुए दास को निलंबित करने और उनके खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है.