दिल्ली

delhi

By

Published : Mar 27, 2023, 1:04 PM IST

ETV Bharat / bharat

डीएमके सभी 39 लोकसभा सीट जीतने के लिए बूथ कमेटियों पर करेगी फोकस

तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके अब 2024 में होने वाले आम चुनाव में लोकसभा की 39 सीटों पर कब्जा जमाने का प्लान बना रही है. इसके तहत पार्टी का फिलहाल फोकस बूथ समितियों पर है, जिसके लिए सभी विधानसभा क्षेत्रों में पर्यवेक्षकों का गठन कर दिया गया है.

Etv Bharat
Etv Bharat

चेन्नई : सत्तारूढ़ डीएमके 2024 के आम चुनाव में तमिलनाडु की सभी 39 लोकसभा सीटों पर कब्जा करने के लिए बूथ समितियों पर फोकस कर रही है. इसके लिए पार्टी ने सभी विधानसभा क्षेत्रों में पर्यवेक्षकों का गठन किया है. पार्टी अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने एक विधानसभा क्षेत्र में एक पर्यवेक्षक के साथ 234 पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं. पर्यवेक्षकों को पूर्व मुख्यमंत्री और स्टालिन के पिता दिवंगत कलैगनार करुणानिधि की जयंती से पहले प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र से 50,000 नई सदस्यता प्राप्त करने का अत्यंत कठिन कार्य दिया गया है. करुणानिधि की जयंती 3 जून को है.

प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के प्रभारी पर्यवेक्षकों को पहले एक बूथ का ठीक से अध्ययन करना होगा और बूथ समिति के सदस्यों के साथ दो दिन में एक बार बैठक करनी होगी. घरों की संख्या और प्रत्येक घर में मतदाताओं की संख्या का आकलन करना होगा. पर्यवेक्षक दोहरे वोटों और उन लोगों के वोटों को काटने के लिए भी जिम्मेदार होंगे जो शहर में मौजूद नहीं हैं, या जिनकी मृत्यु हो चुकी है. साथ ही पर्यवेक्षकों को अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले बूथ समितियों में नए मतदाताओं और अपना आवास स्थानांतरित करने वालों को जोड़ना होगा. डीएमके ने 2019 के आम चुनाव में एक को छोड़ कर सभी सीटों पर जीत हासिल की. एक सीट पर एआईएडीएमके से एकमात्र विजेता ओ.पी. रवींद्रनाथन थेनी लोकसभा क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम के बेटे थे.

एआईएडीएमके में अंदरूनी कलह अपने चरम पर है और ओपीएस को पार्टी से निकाल दिया गया है. डीएमके को लगता है कि थेनी सीट भी आसानी से छीनी जा सकती है. डीएमके के एक वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 50,000 नए सदस्यों का लक्ष्य निर्धारित करना आसान नहीं है. लक्ष्य लगभग 10,000 होना चाहिए था और पर्यवेक्षक इसे हासिल करने के लिए गंभीरता से काम करेंगे. 50,000 कभी भी संभव नहीं है क्योंकि हाल ही में पार्टी यूथ विंग ने बड़े पैमाने पर नामांकन अभियान चलाया था और 10,000 लोगों को सदस्यता दी थी. पार्टी की महिला विंग ने हाल ही में एक विधानसभा क्षेत्र में 20,000 लोगों को सदस्यता भी दी है. यह पर्यवेक्षकों के कार्य को अत्यंत कठिन और लगभग असंभव बना देता है. हालांकि, उन्होंने कहा कि पार्टी पर्यवेक्षकों की नियुक्ति से चुनाव प्रक्रिया के विकेंद्रीकरण में मदद मिलेगी जिससे अधिक सामंजस्य और बेहतर प्रबंधन होगा.

(आईएएनएस)

ABOUT THE AUTHOR

...view details