चेन्नई : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन की अध्यक्षता में शनिवार को हुई सर्वदलीय बैठक में 103वें संविधान संशोधन को केंद्र द्वारा 10 प्रतिशत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS quota) को प्रदान करने के निर्णय को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इससे गरीब लोगों के बीच 'जाति-भेदभाव' पैदा किया. मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक और उसकी सहयोगी भाजपा द्वारा बहिष्कार की गई बैठक में राज्य सरकार से समीक्षा याचिका दायर होने पर अपनी राय दृढ़ता से दर्ज करने का आग्रह किया गया.
सर्वदलीय बैठक में कहा गया, "हम 103वें संविधान संशोधन को खारिज करते हैं, जिसमें आगे बढ़ने वाली जातियों को 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया है, क्योंकि यह संविधान द्वारा परिकल्पित सामाजिक न्याय के खिलाफ, शीर्ष अदालत के विभिन्न फैसलों के खिलाफ और गरीबों के बीच जातिगत भेदभाव पैदा करने के लिए है."