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तालिबानी शासन ने एनआईए की काबुल यात्रा को अनिश्चितता में डाला

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के अफगानिस्तान दौरे पर अनिश्चितता के बादल मंडराने लगे हैं. दरअसल जांच एजेंसी गुरुद्वारा में हुए विस्फोट की जांच के लिए काबुल जाने वाली थी लेकिन तालिबानी शासन शुरू होने के बाद यह अधर में लटकता दिखाई दे रहा है.

NIA visit to Kabul
NIA visit to Kabul

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Published : Aug 16, 2021, 9:24 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के अफगानिस्तान दौरे पर अनिश्चितता के बादल मंडराने लगे हैं. एनआईए के एक शीर्ष अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि काबुल जाने का प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दिया गया है. अधिकारी ने कहा कि हालांकि अभी काबुल के लिए कोई उड़ान नहीं है.

अधिकारी ने कहा कि एनआईए टीम एमएचए से मंजूरी मिलते ही टीम काबुल का दौरा करेगी. इससे पहले Covid19 संकट के कारण NIA का दौरा रोक दिया गया था. यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि एनआईए द्वारा भारत के बाहर किए गए आतंकवादी हमले के लिए मामला दर्ज करने का यह पहला उदाहरण है. भारत के बाहर के मामलों की जांच करने के लिए एनआईए के अधिकार क्षेत्र को एनआईए अधिनियम में हालिया संशोधन के बाद बढ़ा दिया गया है.

केंद्रीय एजेंसी को अब भारत के बाहर भारतीय नागरिकों को प्रभावित करने या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले आतंकवादी हमलों की जांच करने का अधिकार है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने पिछले साल 25 मार्च को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के एक गुरुद्वारे में हुए आतंकी हमले की जांच के लिए मामला दर्ज कर लिया है. हमले में मारे गए 27 लोगों में से एक भारतीय भी शामिल था.

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भारतीय दंड संहिता और आतंकवाद विरोधी कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था. जिस वक्त हमला हुआ उस वक्त गुरुद्वारे में करीब 150 लोग मौजूद थे. आतंकी हमले में तियान सिंह नाम का एक भारतीय नागरिक मारा गया. खुरासान प्रांत में इस्लामिक स्टेट ने हमले की जिम्मेदारी ली थी. इस हमले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा की गई थी.

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