नई दिल्ली : लेखक एवं इतिहासकार विलियम डैलरिम्पल ने नई तालिबान सरकार पर कहा है कि यह ज्यादा दिनों तक नहीं टिक पाएगी. डैलरिम्पल ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि तालिबान ने समावेश की बात तो की लेकिन उसे वास्तविकता से परे जाकर उस तरह पेश भी नहीं कर पाए जैसा करना चाहिए था.
उन्होंने कहा कि नई सरकार ने न तो पश्चिमी दानकर्ताओं से अपील की और न ही 60 प्रतिशत अफगानों या देश की महिलाओं से जो जनसंख्या की आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करती हैं. डैलरिम्पल ने फोन पर दिए साक्षात्कार में कहा कि यह आश्चर्यजनक है.
हालांकि उन्होंने (पूर्व राष्ट्रपति) हामिद करजई या पिछली सरकार के किसी व्यक्ति को ऊंचा पद नहीं दिया है या उन्होंने केवल कुछ महिलाओं को छोटे-मोटे पद दिए हैं. पिछले महीने से वह जितना दिखावा कर रहे हैं उसके आधार पर उनसे अधिक आशाएं थीं.
अमेरिका नीत सेनाओं ने 2001 में तालिबान को सत्ता में बेदखल कर दिया था लेकिन पिछले महीने विदेशी सेनाओं की वापसी के दौरान तालिबान ने तेजी से सत्ता पर पुनः कब्जा कर लिया. इस सप्ताह तालिबान ने अफगानिस्तान की नई कार्यवाहक सरकार के प्रमुख के तौर पर मोहम्मद हसन अखुंद को नियुक्त किया.