नई दिल्ली :अफगानिस्तान में जारी संकट (ongoing crisis in Afghanistan) के मद्देनजर विदेश मंत्री (External Affairs Minister) डॉ जयशंकर (Dr Jaishankar ) ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक में कहा कि अफगानिस्तान से भारतीय नागरिकों को निकालना (evacuating Indian nationals) सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.
राजनीतिक दलों के फ्लोर नेताओं (Briefing the floor leaders) को जानकारी देते हुए, जयशंकर ने उन्हें अफगानिस्तान की गंभीर स्थिति (critical situation in Afghanistan ) से अवगत कराया और कहा कि भारत युद्धग्रस्त देश में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने की कोशिश कर रहा है. बैठक में मुख्य रूप से सरकार के निकासी मिशन (evacuation mission ) और युद्धग्रस्त राष्ट्र (war torn nation)में स्थिति के समग्र मूल्यांकन पर ध्यान केंद्रित किया गया.
सरकारी सूत्रों के अनुसार विदेश मंत्री ने राजनीतिक दलों के सांसदों से दोहराया कि तालिबान दोहा में किए गए वादे पर खरे नहीं उतरा.
क्या है दोहा समझौता?
फरवरी 2020 में अफगानिस्तान में शांति लाने के लिए दोहा समझौते ( Doha agreement ) पर कई राज्यों और तालिबान के बीच हस्ताक्षर किए गए थे. इस समझौते में अफगानिस्तान से सभी अमेरिकी और नाटो सैनिकों की वापसी (withdrawal of all American and NATO troops), के बदले तालिबान ने अपने ली थी. साथ ही इसमें तालिबान और अफगान सरकार के बीच चल रही बातचीत भी शामिल थी.
विदेशमंत्री ने आज सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को अफगानिस्तान के बारे में जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि इस बैठक में 31 दलों के 37 नेताओं ने भाग लिया. उन सभी को धन्यवाद! अफगानिस्तान पर राष्ट्रीय भावना (national sentiment on Afghanistan) लंबे समय से चली आ रही है. इसलिए, अब घटनाक्रम पर राष्ट्रीय चिंता है. हम एक राष्ट्रीय भावना के साथ इकट्ठे हुए हैं.
जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा, 'हमने विशेष रूप से हवाई अड्डे पर अत्यंत कठिन परिस्थितियों में निकासी अभियान चलाया है.'