काबुल : तालिबान ने दुनिया की अहंकारी ताकत अमेरिका को हराने की घोषणा करके गुरुवार को अफगानिस्तान का स्वतंत्रता दिवस मनाया, लेकिन अब उसके सामने देश की सरकार को चलाने से लेकर सशस्त्र विरोध झेलने की संभावना जैसी कई चुनौतियां खड़ी हो रही हैं. अफगानिस्तान के एटीएम में नकदी समाप्त हो गई है और आयात पर निर्भर इस देश के तीन करोड़ 80 लाख लोगों के सामने खाद्य संकट पैदा हो गया है। ऐसे में तालिबान के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग के बिना सरकार चलाना बड़ी चुनौती होगी.
इस बीच, अफगानिस्तान के पंजशीर घाटी में पहुंचे विपक्षी नेता नदर्न अलायंस के बैनर तले सशस्त्र विरोध करने को लेकर चर्चा कर रहे हैं. यह स्थान नदर्न अलाइंस लड़ाकों का गढ़ है, जिन्होंने 2001 में तालिबान के खिलाफ अमेरिका का साथ दिया था. यह एकमात्र प्रांत है जो तालिबान के हाथ नहीं आया है. तालिबान ने अभी तक उस सरकार के लिए कोई योजना पेश नहीं की है, जिसे चलाने की वह इच्छा रखता है. उसने केवल इतना कहा है कि वह शरिया या इस्लामी कानून के आधार पर सरकार चलाएगा.