नई दिल्ली : कांग्रेस ने किसान संगठनों और सरकार के बीच नए दौर की बातचीत की पृष्ठभूमि पर बुधवार को कहा कि केंद्र को तीनों काले कृषि कानूनों को निरस्त कर किसानों को नए साल की सौगात देनी चाहिए.
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि हम मांग कर रहे हैं कि सरकार अपना हठ छोड़े. तीनों काले कानून खत्म करे और इसके बाद नए सिरे से किसानों को नए साल की सौगात दे. सरकार के पास नई शुरुआत का मौका है.
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र और हरियाणा प्रदेश की भाजपा सरकारें जनता के बीच विश्वास खो चुकी हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हरियाणा में 10 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है. हरियाणा की सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही है. बेहतर होता कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रधानमंत्री से मुलाकात करते और उन्हें जमीनी स्थिति से अवगत कराते.
शैलजा ने आरोप लगाया कि सरकार कारपोरेट को गले लगाती है, लेकिन किसानों और गरीबों की नहीं सुनती. अगर खेती का निगमीकरण किया गया, तो किसान भी जीएसटी और दूसरे करों के दायरे में आ जाएगा. इससे किसान का नुकसान होगा. इसका मतलब कि यह कुछ उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने का प्रयास है.
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने दावा किया कि इन तीनों काले कानूनों के विरोध में किसान लगातार विरोध कर रहे हैं, लेकिन लगता है कि सरकार हठधर्मिता पर उतर चुकी है. गतिरोध तोड़ने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है.