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Taj mahal in burhanpur : जानें क्याें शिक्षक ने पत्नी के लिए बनवा दिया 'ताज महल' जैसा घर - बुरहानपुर में आगरा जैसा ताजमहल

बुरहानपुर में आगरा जैसा ताजमहल बनवाकर पत्नी को तोहफे में देने वाले शिक्षाविद् आनंद चौकसे आजकल चर्चा में है. उनके इस ताजमहल और पत्नी के प्रति समर्पित प्यार की लोग खूब तारीफ कर रहे हैं. ईटीवी भारत संवाददाता सोनू सोहले ने आनंद चौकसे से ताजमहल को लेकर खास बातचीत (Exclusive Interview with Taj Owner) की.

Tajmahan in burhanpur etv bharat
बुरहानपुर के शिक्षक आनंद

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Published : Nov 28, 2021, 3:20 PM IST

Updated : Nov 28, 2021, 5:38 PM IST

बुरहानपुर : ऐतिहासिक नगरी बुरहानपुर (burhanpur tajmahal) के शिक्षाविद् व निजी स्कूल संचालक आनंद प्रकाश चौकसे ने बुरहानपुर में आगरा जैसा ताजमहल बनवाकर अपनी पत्नी मंजूषा तोहफे में दिया है. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रसारित किया. इसके बाद आनंद प्रकाश चौकसे और उनका ताजमहल जैसा घर काफी प्रचारित हो गया है.

शाहजहां बुरहानपुर में बनवाने वाले थे ताज महल

बुरहानपुर के शिक्षक आनंद ने पत्नी को तोहफे में दिया 'ताज महल' जैसा घर
बता दें कि आनंद चौकसे एक कान्वेंट स्कूल का संचालन करते हैं. देश के कोने-कोने से उनके स्कूल में बच्चे पढ़ाई करने आते हैं. उनके अभिभावक उनसे पूछते हैं कि बुरहानपुर किस लिए प्रसिद्ध है, तो बच्चे अपने अभिभावकों को मुमताज और शाहजहां की प्यार की कहानी सुनाते हैं. इतिहास (history of tajmahal) में यह साफ-साफ लिखा है कि आगरा में बना विश्व प्रसिद्ध मोहब्बत की अदभूत निशानी और सात अजूबों में शामिल ताजमहल का निर्माण बुरहानपुर में ही होना था, लेकिन किन्हीं कारणों की वजह से वह आगरा में बना.

आनंद ने मकान को दिया ताजमहल का आकार
जानकारों की मुताबिक, जिस मुगल रानी मुमताज की स्मृति में ताज महल का निर्माण हुआ. उन्होंने प्रसव पीड़ा के दौरान बुरहानपुर में ही अंतिम सांस ली थी, लेकिन ताजमहल बुरहानपुर की बजाए आगरा (agra tajmahal) में निर्मित हुआ. शिक्षाविद् आनंद चौकसे को भी बुरहानपुर के अन्य नागरिकों की तरह ताज के बुरहानपुर में निर्मित न होने का मलाल था. उन्हें जैसे ही मौका मिला उन्होंने अपने मकान को ताजमहल (burhanpur tajmahal) का आकार दे दिया.

सवाल:-ताजमहल जैसा घर- क्या मंशा थी, कहां से प्रेरणा मिली ?
जवाब:- देखिए हमारे शहर का पुराना इतिहास है कि मुमताज की मृत्यु बुरहानपुर में हुई थी. किन्हीं कारणों से ताजमहल यहां नहीं बन पाया. आज हमें ऐसे लगा कि अब समय आ गया है कि हम भाईचारे और प्यार के प्रतीक ताजमहल शहर को बनाकर दें. ताकि शहर का इतिहास पुनः जीवित हो जाए और बुरहानपुर को एक अलग पहचान मिले.

सवाल:-ताजमहल अपनी पत्नी को ही क्यों गिफ्ट किया ?
जवाब:-बिटिया और बेटा पढ़ाई कर रहे हैं. मेरी पत्नी 27 वर्षों से मेरे कंधे से कंधा मिलाकर साथ दे रही है. मेरी जिंदगी की सारी सफलताओं का श्रेय मेरी पत्नी को ही जाता है. इसलिए तोहफे में उसे ताजमहल जैसा घर बनाकर दिया.

सवाल:-इस घर में क्या-क्या सुविधाए हैं ?
जवाब:-1 बड़ा हॉल, 4 बेडरूम, किचन और ध्यान कक्ष.

सवाल:-ताजमहल के निर्माण के दौरान किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा ?
जवाब:- शहर छोटा होने के चलते उपलब्धता नहीं होती हैं, इसलिए मार्बल मकराना से मंगवाया. कारीगरों ने बहुत मेहनत की है. इंजीनियर और ठेकेदार को भी इसका श्रेय जाता है.

सवाल:-कितने समय में ताजमहल जैसा घर बनकर तैयार हुआ ?
जवाब:-इसके निर्माण में लगभग तीन साल का समय लगा है.

सवाल:-डिजाइन कहां से लिया ?
जवाब:-इसका डिजाइनऑरिजनल ताजमहल का एक तिहाई है. उसमें, जो चीजें मीटर में हैं, यहां वह फिट में ली गई हैं. उसकी मीनार 40 मीटर है. इसकी मीनार 40 फिट ऊंची है.

बुरहानपुर के 'शाहजहां' ने अपनी पत्नी को गिफ्ट में दिया 'ताज महल'

सवाल:-मकान बनाने में लागत कितनी आई ?
जवाब:-लागत कोई बहुत ज्यादा नहीं है, जो किसी शहर में 10 अच्छे मकान होते हैं, वो जिस रेंज के होते है उतनी ही कीमत इसमें लगी है. फर्क बस इतना है कि दूसरी जगह लागत में 100 रुपये में 30-40 रुपये में मजदूरी होती है. 60 रुपये का मटेरियल होता है. इसमें 25 रुपये का मटेरियल और 75 रुपये मजदूरी.

Last Updated : Nov 28, 2021, 5:38 PM IST

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