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भाजपा नेता बग्गा की फिर से हो सकती है गिरफ्तारी, कोर्ट ने जारी किया वारंट

भाजपा नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के खिलाफ मोहाली के एक थाने में अप्रैल में दर्ज भड़काउ भाषण, दुश्मनी फैलाने और आपराधिक धमकी का मामला दर्ज हुआ था. इसके बाद पंजाब पुलिस ने शुक्रवार की सुबह दिल्ली के जनकपुरी स्थित आवास से भाजपा नेता को गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस उन्हें सड़क सड़क मार्ग से पंजाब ले जा रही थी, लेकिन रास्ते में कुरुक्षेत्र में हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोक लिया और कुछ घंटों बाद दिल्ली पुलिस बग्गा को वापस ले आई.

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तेजिंदर पाल सिंह बग्गा

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Published : May 7, 2022, 10:24 PM IST

चंडीगढ़ : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा पर फिर से गिरफ्तारी का खतरा मंडराने लगा है, क्योंकि पंजाब के मोहाली की एक अदालत ने भाजपा नेता के खिलाफ अप्रैल में दर्ज एक मामले में शनिवार को गिरफ्तारी वारंट जारी किया. बग्गा के खिलाफ ताजा गिरफ्तारी वारंट न्यायिक मजिस्ट्रेट रवतेश इन्द्रजीत सिंह की अदालत ने जारी किया है.

गौरतलब है कि मोहाली के एक थाने में बग्गा के खिलाफ अप्रैल में दर्ज भड़काउ भाषण, दुश्मनी फैलाने और आपराधिक धमकी के मामले में पंजाब पुलिस ने शुक्रवार की सुबह दिल्ली के जनकपुरी स्थित आवास से भाजपा नेता को गिरफ्तार किया था. पुलिस उन्हें सड़क सड़क मार्ग से पंजाब ले जा रही थी, लेकिन रास्ते में कुरुक्षेत्र में हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोक लिया और कुछ घंटों बाद दिल्ली पुलिस बग्गा को वापस ले आई.

भाजपा नेता बग्गा के खिलाफ वारंट

राज्य की अपराध शाखा के थाने के प्रभारी अधिकारी को निर्देश देते हुए मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में कहा, 'तेजिन्दर पाल सिंह बग्गा, पुत्र प्रीतपाल सिंह, पता बी-1/170, जनकपुरी, दिल्ली पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं 153-ए, 505, 505 (2) और 506 के तहत दंडनीय अपराध का आरोप बनता है. आपको निर्देश दिया जाता है कि आप तेजिन्दर पाल सिंह बग्गा को गिरफ्तार करें और मेरे समक्ष पेश करें.'

मामले की अगली सुनवाई 23 मई को होनी है. शुक्रवार को बग्गा की गिरफ्तारी और दिल्ली वापसी के पूरे घटनाक्रम के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को भाजपा नेता के पिता प्रीतपाल सिंह की शिकायत पर अपहरण का मामला दर्ज किया. प्रीतपाल सिंह ने तहरीर में आरोप लगाया था कि 'कुछ लोग' सुबह करीब आठ बजे उनके घर आए और उनके बेटे को उठा ले गए. शुक्रवार को बग्गा की गिरफ्तारी और दिल्ली वापसी के पूरे नाटकीय घटनाक्रम में पंजाब, हरियाणा और दिल्ली, तीन प्रदेशों की पुलिस शामिल रही.

गौरतलब है कि पंजाब पुलिस ने अप्रैल में भड़काऊ भाषण देने, दुश्मनी को बढ़ावा देने और आपराधिक धमकी के मामलों में बग्गा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की. मोहाली निवासी आप नेता सन्नी अहलूवालिया की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया. बग्गा के 31 मार्च के वक्तव्य को लेकर एक अप्रैल को उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया. 31 मार्च को बग्गा भाजपा युवा मोर्चा के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे.

यह भी पढ़ें- गिरफ्तारी के दौरान बग्गा को क्यों नहीं पहनने दी पगड़ी, अल्पसंख्यक आयोग ने पंजाब सरकार से मांगी रिपोर्ट

वहीं, आज दिन में पंजाब सरकार ने बग्गा की गिरफ्तारी के मामले में केन्द्र को पक्ष बनाने और दिल्ली के जनकपुरी तथा हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के थानों की छह मई के सीसीटीवी का फुटेज सुरक्षित रखने का अनुरोध करते हुए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में दो अर्जियां दी हैं. पंजाब सरकार ने आरोप लगाया है कि बग्गा के खिलाफ मोहाली में पिछले महीने दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची राज्य पुलिस की टीम को जनकपुरी और कुरुक्षेत्र थानों में 'बंधक' बनाकर रखा गया.

दिल्ली पुलिस की ओर से पेश भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन ने शनिवार को कहा, 'अदालत द्वारा नोटिस जारी कर जवाब मांगे जाने पर उन्होंने (पंजाब सरकार) दो आवेदन दिए हैं.' पंजाब सरकार के दो आवेदनों में से एक में भारत सरकार और दिल्ली पुलिस के आयुक्त को पक्ष बनाने का अनुरोध किया गया है. दूसरे आवेदन में अनुरोध किया गया है कि दिल्ली के जनकपुरी थाने और हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के पीपली और सदर थानों में लगे सीसीटीवी कैमरों की छह मई की फुटेज सुरक्षित रखने का निर्देश दिया जाए.

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