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फर्जी डॉक्यूमेंट्स लेकर अग्रिपथ भर्ती में पहुंचा बहरूपिया, ताहिर खान से बना अमित, जानें पूरी कहानी - जन सेवा केंद्र हल्द्वानी

उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के रानीखेत में कुमाऊं मंडल के युवाओं के लिए हो रही अग्निपथ भर्ती में फर्जी दस्तावेज बनाकर प्रतिभाग करने वाले उत्तर प्रदेश निवासी ताहिर के खिलाफ प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. पूरे मामले में एसडीएम मनीष कुमार ने जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही जिस जन सेवा केंद्र से फर्जी दस्तावेज को स्कैन कर लगाया गया था, उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. मामले की जांच राजस्व उपनिरीक्षक दीपक टम्टा को सौंपी गई है.

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उत्तर प्रदेश निवासी ताहिर.

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Published : Aug 26, 2022, 6:03 PM IST

Updated : Aug 26, 2022, 7:25 PM IST

हल्द्वानी/अल्मोड़ा:उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के लिए इनदिनों प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर अग्निपथ भर्ती रैली चल रही है. जिलेवार सभी इच्छुक युवाओं को मौका दिया जा रहा है. इसी बीच बीते 24 अगस्त को अल्मोड़ा के रानीखेत में सेना के सोमनाथ मैदान (Ranikhet Agniveer Recruitment) में हो रही भर्ती के दौरान एक युवक फर्जी दस्तावेजों के साथ पकड़ा गया. पुलिस ने युवक के खिलाफ धारा 420 आईपीसी के तहत धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है. जांच में पता चला है कि युवक मूल रूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला है और उसका फर्जी दस्तावेज (agnipath recruitment fake documents) नैनीताल की हल्द्वानी तहसील से जारी हुआ है.

दरअसल, रानीखेत के सोमनाथ मैदान में जब एक युवक पर फर्जी दस्तावेज होने का संदेह हुआ तो रानीखेत पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच की. पाया गया कि युवक का असल नाम ताहिर खान (पुत्र अहसान खान निवासी अलीपुरा थाना ककोड़ तहसील सिकंदराबाद जिला बुलन्दशहर, यूपी) है. उसने अपने फर्जी स्थायी निवास, जाति निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड जनपद नैनीताल के हल्द्वानी (Haldwani Tehsil) से बनाए हैं. यही नहीं, ताहिर खान को जारी एडमिट कार्ड में दर्ज रजिस्ट्रेशन नम्बर किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर्ड है. उसने अपने प्रमाण पत्र में अपना नाम अमित बताया था.
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एआरओ भर्ती बोर्ड की तहरीर के आधार पर ताहिर खान को गिरफ्तार कर लिया गया है. कोतवाली रानीखेत में उसके विरुद्ध धारा 420 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. वहीं, इस पूरे मामले में हल्द्वानी एसडीएम मनीष कुमार (Haldwani SDM Manish Kumar) ने जांच के आदेश दिए हैं. बनाए गए सभी प्रमाण पत्रों को को रद्द कर दिया गया है. मामले की जांच राजस्व उपनिरीक्षक दीपक टम्टा को सौंपी गई है.
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वहीं, जिस जन सेवा केंद्र (सीएससी सेंटर) से फर्जी दस्तावेज को स्कैन कर लगाया गया था, उसके संचालक नासिर अली के खिलाफ भी कूट रचित दस्तावेजों को तैयार करने की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है. दरअसल, आवेदन करने वाले के दस्तावेज की जांच की पूरी जिम्मेदारी सीएससी सेंटर संचालक की होती है. ऑनलाइन आवेदन होने के बाद स्कैन कॉपी अधिकारी के पास ऑनलाइन ही पहुंचती हैं और यह प्रमाण पत्र स्वीकृत करता है. हालांकि, उसके सत्यापन की जिम्मेदारी सीएससी सेंटर संचालक की होती है.

जांच में हुआ बड़ा खुलासा:जांच में पता चला है कि ताहिर ने निवास प्रमाण पत्र के लिए हल्द्वानी शहर के शनि बाजार रोड स्थित नासिर अली के जन सेवा केंद्र से आवेदन किया गया था. बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर का रहने वाला ताहिर ने हल्द्वानी में रहकर अग्निपथ भर्ती के लिए पुराने आधार कार्ड, राशन कार्ड और शैक्षिक प्रमाण पत्र को स्कैन कर जन सेवा केंद्र के माध्यम से आवेदन किया था.

फर्जी दस्तावेज बनाने में हो सकती है साठगांठ:पूरे मामले में ताहिर का अमित के नाम से बनाए गए फर्जी दस्तावेज में कहीं न कहीं सीएससी सेंटर और तहसील कर्मियों की साठगांठ पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. एसडीएम मनीष कुमार का कहना है कि अगर इस तरह का भी मामला सामने आता है तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Aug 26, 2022, 7:25 PM IST

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