चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले NDMA की प्रदेशभर में मॉक ड्रिल. देहरादून: उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों और लगातार आपदाओं के बढ़ रहे स्वरूप को देखते हुए चारधाम यात्रा 2023 से पहले खुद केंद्र सरकार इसकी मॉनिटरिंग कर रही है. लिहाजा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण यानी एनडीएमए के अधिकारी पिछले 3 दिनों से उत्तराखंड में मौजूद हैं, और यात्रा शुरू होने से पहले आपदा से निपटने के लिए तमाम तैयारियों का परीक्षण कर रहे हैं. इसी के चलते आज उत्तराखंड में राज्य स्तर की एक बड़ी मॉक ड्रिल आयोजित की गई.
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से आयोजित मॉक ड्रिल में अलग-अलग जिलों में अलग-अलग घटनाओं पर अभ्यास किया गया. आपदा कंट्रोल रूम से खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित एनडीएमए, एसडीएमए, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के अधिकारी इन आपदाओं से निपटने के लिए अभ्यास करते नजर आए.
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पूरे प्रदेश में हुई इस मॉक ड्रिल में भूकंप, बाढ़, क्लाउड बर्स्ट सहित तमाम दैवीय आपदाओं को लेकर अभ्यास किया गया. बड़े स्तर पर हो रही इस मॉक ड्रिल में खासकर पहाड़ी जनपदों- टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग में क्लाउड बर्स्ट, भूकंप, भूस्खलन और रोड एक्सीडेंट की घटनाओं पर ड्रिल की गई. वहीं, मैदानी इलाकों में हरिद्वार सहित ऋषिकेश आदि जगहों पर क्राउड मैनेजमेंट और बाढ़ की परिस्थितियों पर मॉक ड्रिल हुई.
बता दें कि, उत्तराखंड के हर जिले का कंट्रोल रूम सक्रिय है. राज्य आपदा कंट्रोल रूम सचिवालय से भी सक्रिय है, जहां पर खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हालातों का जायजा लिया. एनडीएमए के अधिकारियों ने तमाम तैयारियों और रेस्क्यू रिस्पांस को चेक किया. वहीं एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और तमाम सुरक्षा एजेंसियां फील्ड पर काम कर रही हैं.
श्रीनगर गढ़वाल में ऐसी रही मॉक ड्रिल. कुछ ऐसी रही मॉक ड्रिल:प्रदेश के हर जिले में आपदा के दौरान व्यवस्थाएं परखने के लिए मॉक ड्रिल हुई. पहाड़ी जिले पौड़ी गढ़वाल में भूकंप आने से मकान ध्वस्त होने पर राहत और बचाव कार्य किया गया. इस भूकंप में 8 लोगों के दबे होने की सूचना मिली. इसके साथ ही श्रीनगर गढ़वाल के धारी देवी मंदिर का पुल टूटने की सूचना मिली. यहां भगदड़ मचने से 4 लोग नदी में डूब गए और 15 लोग घायल हुए.
वहीं, तीर्थनगरी ऋषिकेश में चारधाम यात्रा ट्रांजिट कैंप परिसर में अचानक श्रद्धालुओं ने हंगामा करना शुरू कर दिया. सूचना मिलते ही तुरंत पुलिस, तहसील प्रशासन और अन्य विभागों के अधिकारी मौके पर पहुंचे और श्रद्धालुओं को शांत करावाया गया. उधर कंट्रोल रूप में अचानक सूचना फ्लैश हुई कि हरिद्वार जिले में तीन गंगा घाटों पर अचानक जलस्तर बढ़ गया है जिससे अफरा-तफरी हो गई है. तुरंत एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जल पुलिस और तमाम एजेंसियों को अलर्ट किया गया और घाटों पर भेजा गया. टीमों ने गंगा में फंसे लोगों का रेस्क्यू कर उन्हें रिलीफ सेंटर तक पहुंचाया.