श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में सैकड़ों डॉक्टर और अर्ध चिकित्साकर्मी पिछले साल से ही कोविड-19 के खिलाफ जंग में मुश्किलों से टक्कर ले रहे हैं और अब जब इस जानलेवा बीमारी के विरूद्ध टीकाकरण चल रहा है तब भी वे चुनौतियों से लोहा ले रहे हैं.
अग्रिम मोर्चा के कर्मियों के साहस, प्रतिबद्धता एवं संकल्प की कई कहानियां हैं. उनमें तबस्सुम आरा और शबीना कौसर की भी कुछ ऐसी ही कहानी है.
दोनों ने पिछले साल इस महामारी के फैलने से लेकर अब तक कई काम किये हैं और शानदार तरीके से जिम्मेदारियां निभायी हैं.
आरा (29) दक्षिण कश्मीर के पुलवामा के जिला अस्पताल में तैनात हैं जबकि 31 वर्षीय कौसर अनंतनाग में लोगों की सेवा करती हैं. उन दोनों ने अब तक 15000 लोगों को टीका लगाया है.
अधिकारियों ने बताया कोविड-19 के खिलाफ आरा का जज्बा साहसिक है और उन्होंने बिना डरे और पूरे समर्पण भाव से विभिन्न भूमिकाओं में लोगों खासकर कोविड-19 के मरीजों एवं उनके परिवारों की सेवा की है.
उन्होंने कहा कि शुरू में जब लोगों एवं स्वास्थ्यकर्मियों के बीच टीके को लेकर हिचकिचाहट थी तब वह सबसे पहले टीका लगवाने आगे आयी. पिछले दस सालों से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में काम कर रही आरा ने अब तक करीब 7000 लोगों को टीका लगाया है जबकि उनका परिवार भी इस वायरस से संक्रमित होने से नहीं बचा.
आरा ने मीडिया से कहा, 'मुझे संक्रमण होने की कोई चिंता नहीं है. मैं किसी भी बात से डरती नहीं हूं. मैं अपने लोगों की सेवा करना चाहती हूं और ऐसा करती रहूंगी.'
अधिकारियों ने बताया कि अपनी मां के अन्य गंभीर बीमारी से ग्रस्त होने के बाद भी आरा लोगों की सेवा करने के पथ से डिगी नहीं.