नई दिल्ली:देश में कोरोना के साथ-साथ इन दिनों स्वाइन फ्लू नई चुनौती बनकर सामने (H1N1 influenza new challenge in India) आया है. देश में कुछ महीनों से COVID-19 की सक्रियता कम होने के बावजूद स्वाइन फ्लू के मामलों में हालिया उछाल चिंता का एक नया कारण है. दो-तीन साल में रेस्पिरेटरी वायरल इन्फेक्शन के रूप में सबसे अधिक कोविड सामने आया है. चूंकि अधिकांश प्रतिबंध हटा दिए गए हैं. मास्क पहनने और हाथ धोने की आदत खत्म हो गई है. इस वर्ष मौमस में बदलाव से पहले ही फ्लू तेजी से फैल रहा है.
COVID-19 क्या है?:कोरोना एक गंभीर बीमारी है. इसका संक्रमण सांस की बूंदों से फैलता है. इसके अलावा एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी दूसरा व्यक्ति संक्रमित हो सकता हैं. संक्रमण होते हीं इसका साइड इफेक्ट का सिलसिला लगातार शुरू हो जाता है. जबकि संक्रमित होने का लक्षण 2 से 14 दिनों में दिखना शुरू हो जाता है. इसके इलाज के लिए स्थिर देखभाल और एफडीए-समर्थित एंटीवायरल रेमेडिसविर शामिल हैं. रोकथाम के लिए विभिन्न तरह के टीकाकरण भी उपलब्ध हैं.
H1N1 इन्फ्लूएंजा क्या है?: कोविड -19 के विपरीत इन्फ्लूएंजा कई वायरस के समूह के कारण होता है, जो साल-दर-साल बदलता रहता है. एच1एन1 फ्लू COVID-19 से कम संक्रामक है.जबकि इसका संक्रमण कमजोर पड़ने तक तेजी से फैलता है. किसी संक्रमित के संपर्क में आते ही इसका लक्षण दिखाई देने लगता है. जब H1N1 इन्फ्लूएंजा अपनी शुरुआत के वर्ष में चरम पर थी तब भी कोरोना की तुलना में कम संक्रमित देखा गया था. उस समय करीब 3 लाख लोग संक्रमित हुए थे. जबकि COVID-19 के करीब 20 लाख मामले आए थे. इन्फ्लूएंजा की तुलना में कोरोना अधिक घातक है.