कानपुर: सपा नेता और पूर्व विधायक भगवती प्रसाद की बेटी की शादी समारोह में सोमवार को सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने शिरकत की. इस दौरान उनके द्वारा रामचरितमानस पर दिए गए बयान पर चर्चा की गई. समारोह में मौजूद पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने उनके बयान का समर्थन किया. वहीं, रामचरितमानस की प्रतियां जलाने के सवाल पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि रामचरितमानस की प्रतियां नहीं जलाई गयी है. लड़कों दफ्ती पर 'धर्म के नाम पर गाली नहीं सहेंग, नहीं सहेंगे' ये लिखकर जलाया है.
पूर्व डीजीपी के समर्थन के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि 'देश में दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को अधिकार दिलाने की आवाज का लोग समर्थन कर रहे हैं. फिर वो चाहे पूर्व डीजीपी क्यों न हों'. इतना ही नहीं स्वामी प्रसाद मौर्य ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर को ढोंगी और पाखंडी.
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि ' मैंने रामचरितमानस पर प्रतिबंध लगाने की बात कभी नहीं की. ग्रंथ की कुछ चौपाइयों के अंश से आपत्ति है. मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं'. हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास के द्वारा इनाम घोषित किए जाने पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि साधु, संत, धर्माचार्यों को गुस्सा नहीं आता है. गुस्सा आ भी जाए, तो श्राप देते हैं, जिससे सब काम तमाम हो जाता है. सिर काटने वाले अपराधी संत धर्म की आड़ लेकर बैठे हैं. रामचरितमानस की कोई भी प्रति नहीं जलाई गई. इतना ही नहीं स्वामी प्रसाद मौर्य ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर को ढोंगी और पाखंडी.