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शाम्भवी धाम पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप को मिली जान से मारने की धमकी

शाम्भवी धाम पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप को सोशल मीडिया पर लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं. साथ ही अपना आंदोलन समाप्त करने की मांग उठ रही हैं. उनके शिष्य ने एसएसपी और जिलाधिकारी से सुरक्षा की मांग की है.

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Published : Sep 14, 2021, 8:40 PM IST

हरिद्वार :शंकराचार्य परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष व शाम्भवी धाम पीठाधीश्वर आनंद स्वरूप महाराज ने बीते रोज हिमालय क्षेत्र में गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित करने की बात कही थी. इसके बाद उनको सोशल मीडिया के माध्यम से जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं, जिस पर उन्होंने जिला प्रशासन से अपनी सुरक्षा की मांग की है.

शंकराचार्य परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष व शाम्भवी धाम पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप के शिष्य ने जिला अधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र लिख कर अपने गुरु की सुरक्षा की मांग की है. उन्होंने बताया है कि स्वामी आनंद स्वरूप द्वारा हिमालय हमारा देवालय अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत उनके द्वारा सरकार से मांग की गई है कि सरकार हिमालयी क्षेत्रों में गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित करे.

स्वामी आनंद स्वरूप को मिल रही जान से मारने की धमकी.

स्वामी आनंद स्वरूप के शिष्य के मुताबिक शाम्भवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप का कहना है कि हिमालय का क्षेत्र हिंदुओं की आस्था का केंद्र है. यहां गैर हिन्दू मदिरापान और गौ हत्या जैसे कार्य कर रहे हैं, जिसकी रोकथाम और हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए हिमालयी क्षेत्रो में गैर हिंदुओं का प्रवेश निषेध की मांग की रही है.

पढ़ें- स्वामी आनंद स्वरूप बोले- हिमालय में गैर हिंदुओं का प्रवेश हो वर्जित, नहीं तो होगा सरकार का विरोध

जिसके बाद से सोशल मीडिया पर लगातार उन्हें बयान वापस लेने, अपना अभियान समाप्त करने के साथ-साथ जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं. उनके शिष्य ने स्वामी आनंद स्वरूप की जान की रक्षा के लिए जिला प्रशासन से सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है.

बता दें, हिमालय क्षेत्र में गैर हिंदुओं के प्रवेश वर्जित होने को लेकर शाम्भवी धाम पीठाधीश्वर आनंद स्वरूप महाराज ने बीते रोज पत्रकार वार्ता की थी. उन्होंने अपने एक अभियान 'हिमालय हमारा देवालय' पर चर्चा करते हुए कहा था कि हिमालय क्षेत्र हिंदुओं की आस्था का केंद्र है, इसलिए हिमालय क्षेत्र में गैर हिंदुओं खासकर मुसलमानों और ईसाइयों का प्रवेश वर्जित होना चाहिए.

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