न्यूयॉर्क :भारत ने मंगलवार (स्थानीय समयानुसार) दोहराया कि सतत विकास सामूहिक प्रयासों से ही हासिल होगा और नई दिल्ली इस दिशा में काम करना जारी रखेगी. संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में सतत विकास के मुद्दे पर बोलते हुए, यूएन में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने कहा, 'हमारा मानना है कि भारत का मानव-केंद्रित दृष्टिकोण वैश्विक भलाई के लिए लाभकारी होगा.
वैश्विक जलवायु कार्रवाई के मुद्दे पर प्रथम सचिव ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि शब्दों के साथ ठोस कार्रवाई हो. जी20 में भारत अकेला देश है, जो पेरिस के लक्ष्यों को पूरा करने की ओर अग्रसर है.
उन्होंने कहा, एक वैश्विक नेट-जीरो (Net-Zero) अलग-अलग जिम्मेदारी और समानता के सिद्धांत पर आधारित होना चाहिए. विकासशील देशों के विकास के लिए 2050 में कार्बन स्पेस खाली करने के लिए, विकसित देशों को नेट-माइनस करना चाहिए.
भारतीय राजनयिक ने कहा कि विकसित देशों द्वारा जलवायु कार्रवाई के लिए 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर प्रदान करने की प्रतिबद्धता हासिल करने के लिए अभी भी एक बड़ा अंतर मौजूद है. उन्होंने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन और आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन जैसी हमारी पहल वैश्विक जलवायु साझेदारी में भारत के योगदान के उदाहरण हैं.'