पटना: बिहार में चीख-पुकार और मातम के बीच कानून का 'डर' भी लोगों में है, क्योंकि यहां एक वृद्ध महिला (सिंगरिया) के पति की मौत जहरीली शराब पीने (Suspicious Death of Consuming Poisonous Alcohal in Bihar) से हुई है. लेकिन इसका दर्द ऐसा है कि ना बता सकती है ना छुपा सकती है. ये महिला बोतल दिखा रही है. बता रही है कि बुढवा को उल्टी हुई, फिर पेट में दर्द हुआ और फिर उसके पति की मौत हो गई. लेकिन बार-बार कुरेदने के बाद भी शराब का नाम लेने से डर रही है. मामला सिवान के मुफस्सिल थाना क्षेत्र का है. जहां तीन लोगों की संदिग्ध मौत हुई है.
जहरीली शराब ने जिंदगी की बदरंग:यह कहानी सिर्फ एक परिवार की नहीं है. भागलपुर जिले के सुल्तानगंज के कटहरा गांव के रहने वाले 36 वर्षीय अमन राज की शादी अभी 30-35 दिन पहले गोराडीह के घीया गांव की रहने वाली खुशबू से हुई थी. खुशबू के हाथों की मेंहदी के रंग अभी पूरी तरह उतरा भी नहीं था कि जहरीली शराब ने उनकी जिंदगी ही बदरंग कर दी. अमन होली मनाने अपने ससुराल गया था और परिजनों की माने तो उसने शराब पी ली थी. रात को ही उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी मौत हो गई.
बिहार में जहरीली शराब से मौत भागलपुर में 22 लोगों की संदिग्ध मौत: होली के दिन बिहार के भागलपुर एक दो नहीं बल्कि जहरीली शराब से 22 लोगों की जान चली गई. इस होली में बांका, मधेपुरा और सिवान जिले के 40 से ज्यादा लोगों की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई है. वहीं बांका में 13, मधेपुरा में 3 और सिवान में तीन लोगों की जहरीली शराब से मौत की खबर है. पुलिस अब जांच की बात रही है. प्रशासन खुलकर जहरीली शराब से मौत की बात स्वीकार नहीं कर रहा है, लेकिन परिजन शराब पीने की बातें कर रहे हैं.
पुलिस को दी गई थी शराब की सूचना:बांका जिले के कजरा अमरपुर के रहने वाले दीपक की मौत भी इलाज के दौरान हो गई. उसके परिजनों के मुताबिक कुछ दिन बाद ही इसकी शादी होने वाली थी, लेकिन संदिग्ध परिस्थिति में उसकी मौत हो गई. स्थानीय लोग अब पुलिस पर ही सवाल उठा रहे हैं. ग्रामीण बताते हैं कि शराब आने की खेप की सूचना पुलिस को दी गई थी, लेकिन पुलिस ने कारगर पहल नहीं की.
बांका में 12 लोगों की संदिग्ध मौत: बता दें कि बांका में रविवार सुबह से अमरपुर थाना अंतर्गत विभिन्न गांवों के 12 लोगों की मौत हो गई. जबकि मधेपुरा में मुरलीगंज थाना क्षेत्र के गांवों में तीन मौतें हुई हैं. पीड़ितों के परिजनों का दावा है कि उन्होंने होली के मौके पर शुक्रवार की शाम और शनिवार की सुबह शराब का सेवन किया और उसके बाद से उनकी तबीयत बिगड़ गई. पीड़ितों ने पेट दर्द, उल्टी और दस्त की शिकायत की. पीड़ितों को भागलपुर, बांका और मधेपुरा के विभिन्न निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.
प्रशासन में हड़कंप, जांच के आदेश: शराब से हुई मौत पर फिलहाल आधिकारिक पुष्टि नहीं की जा रही है, लेकिन इन मौतों की वजह की जांच शरू कर दी गई है. भागलपुर, मधेपुरा और बांका में संदिग्ध परिस्थियों में हुई मौत के मामले की समुचित जांच टीम गठित कर दी गई है. जिसकी मॉनिटरिंग पटना पुलिस मुख्यालय करेगा. इस मामले में एडीजी (मुख्यालय) जितेंद्र सिंह गंगवार का कहना है कि दोनों क्षेत्रों से मौत से जुड़ी जितनी भी खबरें आ रही हैं, उन सभी की बारीकी से जांच करने का आदेश संबंधित एसपी को दे दिया गया है.
''प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि कुछ लोगों की मौत कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से हुई थी, जबकि अन्य किसी तरह की बीमारी से पीड़ित थे. हम मौत के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. हमने संबंधित जिलों के एसपी को मौत की घटनाओं की जांच करने और जल्द से जल्द रिपोर्ट मुख्यालय को सौंपने का निर्देश दिया है.''- जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी (मुख्यालय)
'गलत चीजें पियेंगे तो जान गंवानी ही पड़ेगी': वैसे, शराबबंदी वाले बिहार राज्य में यह कोई पहला मौका नहीं है कि कथित तौर पर जहरीली शराब से लोगों की मौत हुई है. जहरीली शराब से हो रही मौत पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कह चुके हैं कि शराबबंदी के बाद लोग गलत चीज बनाते हैं और लोग ऐसी गलत चीजें पियेंगे तो जान गंवानी ही पड़ेगी. लेकिन, सवाल यही उठ रहा है कि जहरीली शराब से हो रही मौत के बाद अगर पुलिस सचेत होती तो ऐसे लोगों की जान जाने से रोकी जा सकती थी.
प्राकृतिक मौत बताकर शव का दाह संस्कार: हालांकि, जहरीली शराब से मौत की पुलिस पुष्टि नहीं कर रही है, लेकिन ज्यादातर लोग पुलिस को बिना सूचना दिए प्राकृतिक मौत बताकर शव का दाह संस्कार कर दे रहे हैं. इधर, अब पूरे मामले की जांच शुरू हो गई है. पुलिस मुख्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि जहां से भी मौत की खबर आई है. सभी जगहों से बारीकी से जांच करने के आदेश संबंधित पुलिस अधीक्षक को दे दी गई है. जिलास्तर पर टीम बनाई गई है. जिनके घर में मौत की खबर आ रही है, उनके घर तक प्रशासन पहुंचकर सघन तहकीकात कर रहा है.
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फिलहाल, शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरी तरह सख्ती बरतने के निर्देश अधिकारियों को दे चुके हैं. शराबबंदी वाले बिहार में अवैध शराब के अड्डों को ढूंढने के लिए राज्य सरकार नए-नए तरीके ढूंढ रही है. लेकिन, होली पर अवैध शराब के अड्डों को ढूंढने के लिए ड्रोन और हेलिकॉप्टर तैनात थे तो दूसरी तरफ जहरीली शराब से मौतें हो रही थी. ऐसे में सवाल वही है कि बिहार सरकार की ओर से लगाए गए ड्रोन, हेलीकॉप्टर, सर्विलांस का क्या हुआ? आखिर इतने इंतजाम में बाद भी शराब कैसे बनाई और बेची जा रही है? जनता सवाल तो पूछेगी.