नई दिल्ली : राज्यसभा की कार्यवाही बाधित करने को लेकर सदन से निलंबित किए गए 20 विपक्षी सांसदों ने बुधवार को संसद भवन परिसर के अंदर 50 घंटे का क्रमिक विरोध प्रदर्शन शुरू किया. तृणमूल सदस्य डोला सेन ने बताया कि राज्यसभा सदस्य संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास क्रमिक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और वे लोग रात भर वहीं रहेंगे. डोला सेन निलंबित सांसदों में से एक हैं.
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को जिन 19 सदस्यों को निलंबित किया गया था उनमें तृणमूल कांग्रेस के सात, द्रमुक के छह, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के तीन, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के दो और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के एक सदस्य शामिल हैं. आम आदमी पार्टी के संजय सिंह को आज निलंबित कर दिया गया. इससे पहले सोमवार को कांग्रेस के चार सांसदों को लोकसभा से निलंबित कर दिया गया था. आसन की ओर से कहा गया है कि ये सभी सांसद सदन की कार्यवाही में बाधा उत्पन्न कर रहे थे.
हालांकि, सरकार की ओर से सूत्रों से यह खबर दी है कि अगर ये सभी सांसद अपने कृत्यों के लिए माफी मांगें, तो उनका निलंबन समाप्त हो सकता है. विपक्षी दलों के सांसदों ने इसे मानने से इनकार कर दिया है. इधर सरकार का कहना है कि विपक्ष अगर किसी मुद्दे पर चर्चा चाहता है, तो सरकार को इस पर कोई आपत्ति नहीं है.
विपक्षी दलों से जुड़े सूत्रों ने बुधवार को कहा कि सरकार ने ऐसे संकेत दिए हैं कि वह संसद में अगले सप्ताह महंगाई के मुद्दे पर चर्चा शुरू करा सकती है. सूत्रों ने यह भी कहा कि सरकार सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना पर चर्चा को लेकर तैयार नहीं दिखती और इस आधार पर चर्चा कराने से इनकार कर सकती है कि यह मामला अदालत के विचाराधीन है. विपक्ष से जुड़े सूत्रों का कहना है कि विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार को इस बात से अवगत करा दिया है कि महंगाई पर तब तक कोई चर्चा नहीं होने दी जाएगी, जब तक दोनों सदनों के निलंबित सदस्यों का निलंबन वापस नहीं ले लिया जाता.
संसद में अशोभनीय व्यवहार करने और आसन की अवमानना करने के मामले में राज्यसभा के 20 और लोकसभा के चार सदस्यों को निलंबित किया गया है. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को कहा कि अगर निलंबित विपक्षी सांसद माफी मांग लें और आश्वासन दें कि वे सदन में तख्तियां नहीं दिखाएंगे तो आसन उनके निलंबन को वापस ले सकता है. लोकसभा में कुछ विपक्षी दलों के नेताओं ने बुधवार को कांग्रेस के चार सदस्यों के निलंबन को वापस लेने की मांग की. इस पर जोशी ने कहा कि अगर विपक्षी नेता यह जिम्मेदारी लेते हैं कि आगे विपक्षी सांसद आसन के निकट नहीं आएंगे और तख्तियां नहीं दिखाएंगे तो निलंबन वापस लिया जा सकता है.
सांसदों के निलंबन मुद्दे पर विपक्षी नेताओं ने की नायडू से मुलाकात - विपक्षी दलों के नेताओं ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात की और 21 सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग की. हालांकि नायडू ने साफ तौर पर कहा कि निलंबन वापस तभी होगा जब निलंबित सदस्य अपने दुर्व्यवहार के लिए खेद जताएंगे. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विपक्षी दलों के 10 नेताओं ने नायडू से उनके कक्ष में मुलाकात की और यह मुद्दा उठाया और साथ ही महंगाई के विषय पर चर्चा कराने की अपनी मांग भी उनके समक्ष रखी. विपक्षी नेताओं ने कहा कि निलंबित किए गए सदस्यों की संख्या अधिक है, इसलिए उनका निलंबन वापस लिया जाना चाहिए ताकि सदन में सदस्यों की पर्याप्त उपस्थिति रहे.
उन्होंने सभापति को यह सुझाव भी दिया कि महंगाई के मुद्दे पर चर्चा के लिए तारीख के बारे में उन्हें पहले से बता दिया जाए. सूत्रों ने बताया कि सभापति से मुलाकात के दौरान कुछ सदस्यों ने कहा कि बगैर किसी शर्त के निलंबन वापस लिया जाना उपयुक्त होगा. बैठक के दौरान संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी, सदन के नेता पीयूष गोयल और संसदीय कार्य राज्यमंत्री वी मुरलीधरन भी मौजूद थे. सूत्रों ने बताया कि अगले सप्ताह उच्च सदन में महंगाई पर चर्चा हो सकती है. उन्होंने बताया कि एक नायडू की विपक्ष के नेताओं और सत्ता पक्ष के नेताओं से मुलाकात के दौरान महंगाई पर चर्चा कराने को एक व्यापक सहमति बनी.
बैठक में शामिल केंद्रीय मंत्रियों ने बताया कि सरकार पहले भी कई मौकों पर कह चुकी है कि वह चर्चा के लिए तैयार है और एक बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के स्वस्थ होने के बाद इस पर चर्चा कराई जा सकती है. उन्होंने बताया कि सीतारमण स्वस्थ हैं और वह आज अपने कार्यालय भी पहुंचीं. उन्होंने बताया कि संसद के दोनों सदनों में महंगाई के मुद्दे पर चर्चा की तारीख लोकसभा अध्यक्ष से विमर्श करने के बाद तय की जाएगी. सूत्रों के मुताबिक सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर नायडू ने साफ तौर पर विपक्षी नेताओं से कहा कि यह तभी होगा जब निलंबित सदस्यों को उनकी गलती का एहसास हो और वे अपनी गलती के लिए खेद व्यक्त करें. उन्होंने कहा कि सदस्यों का निलंबन आखिरी उपाय होता है ताकि सदन की गरिमा को बचाया जाए.
तृणमूल कांग्रेस के सुष्मिता देव, मौसम नूर, शांता छेत्री, डोला सेन, शांतनु सेन, अबीर रंजन विश्वास और नदीमुल हक को निलंबित किया गया है, जबकि द्रमुक के निलंबित सदस्यों में एम मोहम्मद अब्दुल्ला, कनिमोझी एनवीएन सोमू, एम षणमुगम, एस क्लयाणसुंदरम, आर गिरिराजन और एन आर इलंगो शामिल हैं. टीआरएस के निलंबित किए गए सदस्यों में बी लिंगैया यादव, रविचंद्र वड्डीराजू और दामोदर राव दिवाकोंडा शामिल हैं. माकपा के ए ए रहीम और वी शिवदासन तथा भाकपा के संतोष कुमार को भी इस सप्ताह के लिए सदन की बैठक से निलंबित किया गया है.