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निलंबित आईपीएस अधिकारी बसंत रथ ने इस्तीफा दिया, राजनीति में आने की अटकलें - बसंत रथ ने इस्तीफा दिया

अपने चर्चित ट्विटर हैंडल 'कांगरी कैरियर', जो असत्यापित है, के साथ व्हाट्सऐप स्टेटस और इंस्टाग्राम पोस्ट में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के निलंबित अधिकारी बसंत रथ ने कहा, "राजनीति एक महान पेशा है." अगले महीने रथ के निलंबन के दो साल पूरे होने वाले हैं.

बसंत रथ
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Published : Jun 26, 2022, 4:20 PM IST

श्रीनगर : भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के निलंबित अधिकारी बसंत रथ ने रविवार को सोशल मीडिया पर सेवा से अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी है. साथ ही उन्होंने संकेत दिया कि वह कश्मीर से चुनाव लड़ने के लिए राजनीति में कदम रखने की तैयारी कर रहे हैं. अपने चर्चित ट्विटर हैंडल 'कांगरी कैरियर', जो असत्यापित है, के साथ व्हाट्सऐप स्टेटस और इंस्टाग्राम पोस्ट में रथ ने कहा, "राजनीति एक महान पेशा है." अगले महीने रथ के निलंबन के दो साल पूरे होने वाले हैं.

जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता को भेजे त्यागपत्र की प्रति साझा करते हुए और पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह और कमांडेंट जनरल होमगार्ड एच के लोहिया को संबोधित करते हुए रथ ने कहा, "मैं चुनावी राजनीति में भाग लेने के लिए भारतीय पुलिस सेवा से इस्तीफा देना चाहता हूं." उन्होंने 25 जून को लिखे अपने पत्र में कहा, "कृपया इस पत्र को इस्तीफे/स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए मेरे अनुरोध के रूप में मानें और तदनुसार प्रक्रिया बढ़ाएं."

लगभग सात घंटे पहले सोशल मीडिया पर जारी एक पोस्ट में रथ ने लिखा था, "अगर मैं कभी किसी राजनीतिक दल से जुड़ता हूं तो वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) होगी. अगर मैं कभी चुनाव लड़ूंगा तो वह कश्मीर से होगा. अगर मैं कभी राजनीति में कदम रखता हूं तो यह छह मार्च 2024 से पहले होगा." रथ से संपर्क करने के प्रयास बार-बार असफल रहे, क्योंकि उन्होंने फोन कॉल और संदेशों का जवाब नहीं दिया. जुलाई 2020 में रथ को घोर कदाचार और दुर्व्यवहार के आरोपों को लेकर केंद्र सरकार ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था.

गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया था कि बसंत रथ के खिलाफ घोर कदाचार और दुर्व्यवहार के आरोप सरकार के संज्ञान में आए हैं. इस संबंध में अनुशासनात्मक कार्यवाही पर विचार किया गया है. आदेश के अनुसार, निलंबन की अवधि के दौरान रथ का मुख्यालय जम्मू होगा और वह जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक की अनुमति के बिना इसे नहीं छोड़ेंगे. इस कार्रवाई से एक पखवाड़ा पहले उन्होंने अपनी जान और स्वतंत्रता को खतरा होने तथा उनका सिर कलम किए जाने की आशंका जताते हुए जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी.

2018 में आईजीपी के रूप में पदोन्नत हुए रथ अपने प्रभावी यातायात नियमन के लिए लोगों के बीच लोकप्रिय हो गए थे. हालांकि, आईजीपी-ट्रैफिक के रूप में उनका कार्यकाल अल्पकालिक था, क्योंकि कई लोगों ने उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाए थे.

(पीटीआई-भाषा)

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