अमृतसर : पंजाब पुलिस की कस्टडी से लापता हुए सुरजीत सिंह मामले में सीबीआई कोर्ट ने घटना के 30 साल बाद रिटायर्ड आईपीएस बलकार सिंह समेत 3 पुलिस वालों को 3-3 साल कैद की सजा सुनाई है. बलकार सिंह के अलावा रिटायर्ड एसएचओ उधम सिंह और सब इंस्पेक्टर साहिब सिंह इसमें शामिल हैं, लेकिन परिवार 30 साल बाद मिले इस इंसाफ से असंतुष्ट हैं. पीड़ित परिवार अब अपर कोर्ट में अपील करेगा, ताकि दोषियों की सजा बढ़ सके. मामला 7 मई 1992 का है.
लापता सुरजीत सिंह की पत्नी परमजीत कौर ने सीबीआई कोर्ट के फैसले पर असंतुष्टि जाहिर की. उनका कहना है कि 30 साल बाद आरोपियों को सिर्फ 3-3 साल की सजा दी गई. इन 30 सालों में उनका परिवार बिखर गया. घर में कमाने वाला सिर्फ सुरजीत था. उनके जाने के बाद परिवार के पास खाना तक नहीं था. एक बार हाईकोर्ट ने 1.50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी थी, लेकिन यह काफी नहीं है. वह अब अपर कोर्ट में जाएंगे और सजा को बढ़ाने व परिवार को आर्थिक मदद देने की अपील करेंगे.
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1992 में लापता हुए सुरजीत सिंह का पुलिस ने कथित तौर पर अपहरण कर हत्या कर दी थी. वहीं परिजनों को बताया गया कि सुरजीत सिंह उनकी हिरासत से फरार हो गया है, जिसके बाद परमजीत कौर ने 1996 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की और हाईकोर्ट ने मामले को जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया. उधर, जांच के बाद 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और सीबीआई कोर्ट ने तीन-तीन पुलिस अधिकारियों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई. उस वक्त के डीएसपी आईपीएस बलकार सिंह, एसएचओ उधम सिंह और कांस्टेबल उधम सिंह ने यह कार्रवाई की थी.