नई दिल्ली :कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ( Randeep Surjewala) ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निदेशकों के कार्यकाल बढ़ाने संबंधी अध्यादेशों को चुनौती देते हुए गुरुवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया.
सूत्रों के मुताबिक, सुरजेवाला ने शीर्ष अदालत में दायर अपनी याचिका में कहा है, 'अध्यादेशों के संदर्भ में 'जनहित' को लेकर जो अस्पष्ट हवाला दिया है उसका कोई आधार नहीं बताया गया है. असल में यह प्रतिवादियों की आत्मसंतुष्टि पर आधारित है. इसका संबंधित जांच संस्थाओं की स्वतंत्रता पर स्पष्ट रूप से विपरीत असर होगा.'
सुरजेवाला ने यह आरोप भी लगाया कि इस तरह से अस्थायी रूप से और थोड़ी-थोड़ी अवधि के लिए सेवा विस्तार देने से जांच एजेंसियों पर कार्यकापालिका के नियंत्रण की अभिपुष्टि होती है और यह एजेंसियों के स्वतंत्र रूप से कामकाज करने के भी प्रतिकूल है. कांग्रेस नेता ने कहा कि सीबीआई और ईडी के निदेशकों का दो साल का निर्धारित कार्यकाल होता है, लेकिन अब एक-एक साल का सेवा-विस्तार दिया जा सकेगा और यह एकमुश्त पांच साल का कार्यकाल नहीं होगा. उन्होंने यह भी कहा, 'इसका मतलब यह होगा कि हर सेवा विस्तार नियुक्ति करने वाले प्राधिकार के विवेक और आत्मसंतुष्टि पर निर्भर करेगा.'
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता ने शीर्ष अदालत ने अंतरिम राहत की मांग की और आरोप लगाया कि ये अध्यादेश ऐसी संस्थाओं की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर आए अदालती आदेशों का भी उल्लंघन हैं और ये सत्ता के स्पष्ट दुरुपयोग की बात का भी खुलासा करते हैं.