कोटा : राजस्थान के कोटा जिले के जाखोड़ा में शनिवार को श्रीरामशान्ताय जैविक कृषि अनुसंधान व प्रशिक्षण केंद्र का लोकार्पण हुआ. समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य व पूर्व सरकार्यवाह सुरेश भैय्याजी जोशी ने कहा कि देश में खाद्यान्न संकट को दूर करने के लिए हरित क्रांति लाई गई थी. लेकिन हरित क्रांति से ही रसायनिक खाद और कीटनाशकों का प्रयोग किया गया, और इसके कुछ दोष भी सामने आए.
सुरेश भैय्याजी ने कहा कि आज हम खाद-बीज के लिए स्वाबलंबी की जगह परावलंबी हो गए हैं. कीटनाशकों के प्रयोग से स्वास्थ्य पर विपरीत असर हुआ बीमारियां बढ़ती गईं और किसान बर्बाद होकर आत्महत्या को मजबूर हो गया. वह क्रांति के नाम पर एक दुष्चक्र में फंसते चला गया. इसको समाप्त करने के लिए प्रयास करने होंगे और प्राकृतिक और जैविक खेती की तरफ लौटना (Suresh Bhaiyyaji Joshi urges to adopt organic farming) होगा.
इस कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत सरकार जैविक और प्राकृतिक खेती के लिए पूरी तरह गंभीर है. सभी राज्य सरकारों से उन्होंने कहा है कि जितना भी ऐसा रकबा है जहां पर अभी तक ऑर्गेनिक खेती की जा रही है, उसका प्रमाणीकरण करके हमें भेज दें, ताकि हम उस एरिया को ऑर्गेनिक एरिया घोषित कर सकें. इससे किसानों को फायदा होगा. अभी किसान स्वयं जैविक खेती करता है, तो तीन साल तक लगातार उत्पादन आने पर ही उसे ऑर्गेनिक माना जाता है. लेकिन अगर राज्य की ओर से प्रमाणित कर भेजा जाता है, तो पहले साल में ही उसे ऑर्गेनिक प्रोडक्शन माना जाएगा.