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Karnataka news : सीएम बोम्मई बोले, सुनवाई पूरी होने तक मुस्लिम आरक्षण संबंधी आदेश लागू नहीं करेंगे

कर्नाटक सरकार का मुस्लिमों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण खत्म करने का फैसला नौ मई तक लागू नहीं होगा क्योंकि राज्य ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है. वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के स्टे के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है.

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मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई

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Published : Apr 25, 2023, 8:50 PM IST

बेंगलुरु:सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिमों के लिए 4% आरक्षण कोटा रद्द करने के कर्नाटक सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई 9 मई तक के लिए स्थगित कर दी है. राज्य सरकार ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट को स्पष्ट कर दिया है कि आरक्षण कोटा रद्द करने का फैसला मुसलमानों के लिए तब तक लागू नहीं किया जाएगा. राज्य के भाजपा नेताओं और विपक्षी दलों के नेताओं ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई नौ मई तक के लिए स्थगित कर दी. हमने पहले कोर्ट को बताया था कि ट्रायल खत्म होने तक कोई फैसला नहीं लिया जाएगा, जो जारी रहेगा.

उन्होंने कहा कि 'हमने अदालत से कहा है कि हम मुकदमे के खत्म होने तक कोई फैसला नहीं करेंगे. हमें अदालत से कोई आदेश नहीं मिला है, मुसलमानों के खिलाफ आरक्षण का कोई आवंटन नहीं है. कांग्रेस आरक्षण के मुद्दे पर झूठ बोल रही है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय में लगभग 17 उपजातियां हैं, जो सभी पिछड़ी जाति में हैं. उन्हें कम आय के लिए आरक्षण मिलता था. अभी किए गए आरक्षण में भी वही आरक्षण मिलेगा, इसलिए कोई अन्याय नहीं है.'

मंत्री अश्वत्थ नारायण ने कहा कि राज्य सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट के अस्थायी रोक से सरकार को कोई झटका नहीं लगा है और अंतत: जीत सरकार की ही होगी. मंत्री अश्वत्थ नारायण ने कहा कि सरकार ने आरक्षण को संविधान के अनुरूप संशोधित किया है.मुस्लिम आरक्षण हटाने पर सुप्रीम कोर्ट की रोक केवल अस्थायी है. इसे पूरी तरह से समाप्त नहीं किया गया है. ए, बी और सी कैटेगरी में मुसलमान भी मौजूद हैं. कोर्ट में इस पर प्रभावी दलील दी जाती है. उससे सत्य को धारण करने का कार्य होता है. संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है. अब कोर्ट ने भले ही अस्थाई स्टे दे दिया हो, लेकिन अंतत: कोर्ट में हमारी जीत होगी. उन्होंने कहा कि कोर्ट के स्टे से सरकार को झटका नहीं लगा है.

उन्होंने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर सरकार बिल्कुल स्पष्ट रुख अपनाएगी. हम तर्क देने जा रहे हैं कि जीत हमारी होगी. आप जानते हैं कि आप धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दे सकते. इसलिए हम इसके खिलाफ बहस करेंगे. भाजपा ने सभी जाति के लोगों की ओर से वीरशैव लिंगायत और ओक्कालिगा समुदायों को आरक्षण दिया है. हम जीतेंगे. लिंगायत और ओक्कालिगा को 2 फीसदी के साथ पूरे 4 फीसदी आरक्षण दिया गया है. आरक्षण सही है. उन्होंने सरकार के आरक्षण संशोधन के फैसले का बचाव करते हुए उन लोगों को जोड़ा जो 2बी में थे ईडब्ल्यूएस में हैं.

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इसका जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने संबंधित वकीलों से बात की है. किसी भी तरह से पीछे नहीं हटे. उन्होंने कहा कि अभी इसका ट्रायल चल रहा है.

जेडीएस के प्रदेश अध्यक्ष सीएम इब्राहिम ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकार के 2बी आरक्षण रद्द करने के आदेश पर रोक लगाता है तो यह काफी नहीं है, आदेश को रद्द किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि बसवराज बोम्मई अनुभवी नहीं हैं.देवेगौड़ा ने धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया. बाबा साहेब अंबेडकर ने संविधान के तहत दिया है. संविधान में कहा गया है कि आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े लोगों को आरक्षण दिया जाना चाहिए. देवेगौड़ा ने पिछड़ा वर्ग समिति की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण दिया था. आज बीजेपी ने हड़बड़ी में ऐसा किया है. सुप्रीम कोर्ट ने सही रास्ता दिखाया है.

केपीसीसी के पूर्व अध्यक्ष दिनेश गुंडुराव ने कहा, उन्होंने चुनाव के दौरान मुसलमानों को भड़काने की कोशिश की लेकिन, मुस्लिम समुदाय ने धैर्य के साथ व्यवहार किया है. कोर्ट ने सही जवाब दिया है कि अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय से 4% आरक्षण हटाकर दूसरे समुदाय को दे दिया गया. लोगों में भ्रम पैदा करने का काम बीजेपी कर रही है. मुझे पता था कि इस तरह का फैसला आएगा.

पढ़ें- मुस्लिमों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण खत्म करने का फैसला नौ मई तक लागू नहीं होगा: SC

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