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मलंकारा ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च ऑफ इंडिया के सर्वोच्च प्रमुख का निधन, मोदी ने जताया शोक - मलंकारा ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च ऑफ इंडिया के सर्वोच्च प्रमुख का निधन

कोविड-19 के बाद हुई जटिलताओं के कारण पतनमतिट्टा जिले के पारूमाला में उनका एक निजी अस्पताल में उपचार चल रहा था. रविवार देर रात करीब 2:35 बजे उनका निधन हो गया.

मलंकारा ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च ऑफ इंडिया के सर्वोच्च प्रमुख का निधन
मलंकारा ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च ऑफ इंडिया के सर्वोच्च प्रमुख का निधन

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Published : Jul 12, 2021, 2:37 PM IST

कोट्टायम (केरल): 'मलंकारा ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च ऑफ इंडिया' के सर्वोच्च प्रमुख बेसेलियस मारथोमा पॉलोस द्वितीय का रविवार देर रात निधन हो गया. गिरजाघर के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी. पॉलोस द्वितीय ने ताउम्र गरीबों और वंचितों के लिए काम किया और गिरजाघर में कई उल्लेखनीय बदलाव लाने की पहल करने में उनका विशेष योगदान था. वह 74 वर्ष के थे. प्रवक्ता ने बताया कि कोविड-19 के बाद हुई जटिलताओं के कारण पतनमतिट्टा जिले के पारूमाला में उनका एक निजी अस्पताल में उपचार चल रहा था. रविवार देर रात करीब 2:35 बजे उनका निधन हो गया.

वह दिसंबर 2019 से फेफड़ों के कैंसर से भी पीड़ित थे और इस वर्ष फरवरी में कोरोना वायरस संक्रमण से उबरे थे. गिरजाघर के सूत्रों ने बताया कि पॉलोस द्वितीय नवंबर 2010 में 'ईस्ट ऐंड मलंकारा मेट्रोपोलिटन' के आठवें प्रमुख (कैथोलिकोस) बने थे। वह 'एपॉस्टोलिक थ्रोन ऑफ सेंट थॉमस' के 91वें 'प्राइमेट' (वरिष्ठ बिशप के लिए पदवी) थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन समेत कई धर्मों और राजनीतिक क्षेत्र के कई लोगों ने उनके निधन पर दु:ख व्यक्त किया है.

मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि इंडियन ऑर्थोडॉक्स चर्च के सर्वोच्च प्रमुख बेसेलियस मारथोमा पॉलोस द्वितीय के निधन से दु:खी हूं. वह अपने पीछे सेवा और करूणा भाव की समृद्ध धरोहर छोड़ गए हैं. दु:ख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं चर्च के सदस्यों के साथ हैं. मध्य केरल में त्रिशूर जिले के छोटे से गांव मंगद में 30 अगस्त 1946 को जन्मे के. आई. पॉल को बाद में बेसेलियस मारथोमा पॉलोस द्वितीय के नाम से जाना गया. वह 36 साल की उम्र में बिशप बन गए थे.

गिरजाघर के सूत्रों ने बताया कि वह 2006 में सर्वसम्मति से कैथोलिकोस मनोनीत हुए थे. उनके पूर्ववर्ती बेसेलियस मारथोमा दिदीमस प्रथम के पद त्यागने के बाद, एक नवंबर 2010 को पॉलोस मार मिथिअस मेट्रोपोलिटन को टईस्ट ऐंड मलंकारा मेट्रोपोलिटन’ का कैथोलिकोस बनाया गया और उन्हें नया नाम 'बेसेलियस मारथोमा पॉलोस द्वितीयट दिया गया. उनके अनुयायी उन्हें प्रेम से टबावा तिरुमेनीट कहकर पुकारते थे. वह लोकोपकारी और धर्मनिरपेक्ष विचारधारा के कट्टर समर्थक थे. उन्होंने गिरजाघर प्रशासन में महिलाओं की समान भागीदारी सुनिश्चित करने जैसे ऐतिहासिक कदम उठाए और उन्हें मताधिकार दिए.

बावा तिरुमेनी को जब भी लगता था कि गिरजाघर के साथ न्याय नहीं हुआ तो वह सरकारों और राजनीतिक दलों की आलोचना करने से भी नहीं चूकते थे. पॉलोस द्वितीय के सामने कैथोलिकोस पद पर रहने के दौरान सबसे बड़ी एक चुनौती जैकबाइट धड़े के साथ लंबे समय से चल रहे विवाद से जुड़ी थी. जब वह चर्च प्रमुख थे, उसी दौरान उच्चतम न्यायालय ने ऑर्थोडॉक्स और जैकबाइट धड़ों के बीच विवाद का निस्तारण करते हुए ऐतिहासिक फैसला सुनाया था.
मुख्यमंत्री विजयन ने वरिष्ठ पादरी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह विनम्र व्यक्तित्व वाले थे और आम जनता से जुड़े थे.

पीटीआई-भाषा

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