नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम सिस्टम को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए गुरुवार को राजी हो गया. याचिका का उल्लेख भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष किया गया था, जिसमें न्यायमूर्ति हेमा कोहली और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला शामिल थे. याचिका एडवोकेट मैथ्यूज जे नेदुमपारा ने दायर की है.
उन्होंने अदालत के समक्ष तर्क दिया कि शीर्ष अदालत की संविधान पीठ के 2015 के फैसले ने कोलेजियम प्रणाली को पुनर्जीवित किया, इसे शुरू से ही शून्य कर दिया जाना चाहिए. याचिका में कहा गया है कि कॉलेजियम प्रणाली, जिसका उद्देश्य राजनीतिक हस्तक्षेप को नियुक्तियों से बाहर रखना था, पूरी तरह से विफल रही है क्योंकि कॉलेजियम प्रणाली अदालतों के मौजूदा और पूर्व न्यायाधीशों, उनके कनिष्ठों और कुछ जाने-माने वकीलों के परिजनों को नियुक्त करती है.