नई दिल्लीः देश की सर्वोच्च न्यायालय ने जेल में बंद दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन (Delhi Minister Satyendar Jain) की उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है, जिसमें उन्होंने अपनी जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जैन ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी कि दिल्ली हाईकोर्ट को उनकी जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई करने का आदेश दिया जाए. उन्होंने इस याचिका को अब वापस ले लिया है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने 1 दिसंबर को सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी को नोटिस जारी किया था. ईडी को जैन की याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया गया था. हाईकोर्ट ने याचिका पर 20 दिसंबर को सुनवाई तय की है.
जैन को मनी लॉन्ड्रिंग केस में 30 मई को गिरफ्तार किया गया था. वे 184 दिन से तिहाड़ जेल में हैं. आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जैन, उनकी पत्नी पूनम और अन्य पर केस दर्ज किया गया है. आरोप है कि जैन ने कथित तौर पर दिल्ली में कई शेल कंपनियां बनाईं या खरीदी थीं.
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इससे पहले राउस एवेन्यू कोर्ट ने 6 महीने लंबी चली कानूनी प्रक्रियाओं के बाद सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. जमानत याचिका पर बहस के दौरान सत्येंद्र जैन की तरफ से पेश वकील एन हरिहरन ने ईडी द्वारा बनाए गए केस पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि ईडी द्वारा बनाई गई कहानी उस फेयरी टेल जैसी है, जिसमें एक गरीब व्यक्ति राजकुमारी से विवाह करना चाहता है तो उसकी मदद के लिए शहर के सभी लोग केवल एक ही लाइन दोहराते हैं कि उनके पास जो कुछ भी है वह सब उसी गरीब का है . इसी तरह ईडी की कहानी में थी किसी का भी रकम किसी के भी शेयर सब सत्येंद्र जैन के बता दिए गए हैं .