नई दिल्ली:उच्चतम न्यायालय 42 दिनों के ग्रीष्मावकाश के बाद सोमवार को फिर से खुलने वाला है और यह मणिपुर में हिंसा से जुड़ी याचिकाओं के समूह तथा उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मारे गए गैंगस्टर अतीक अहमद और अशरफ की बहन की एक याचिका सहित कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई करेगा. अहमद और अशरफ की बहन की याचिका में दोनों की पुलिस हिरासत में मौत की जांच के लिए एक आयोग गठित करने का अनुरोध किया गया है.
सूत्रों के अनुसार, ग्रीष्मावकाश में कई अवकाशकालीन पीठ ने 2,000 से अधिक मामलों की सुनवाई की और 700 से अधिक मामलों का निस्तारण किया. इनमें सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड की जमानत याचिका भी शामिल है. शीर्ष न्यायालय ने शनिवार देर रात सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान करते हुए गुजरात उच्च न्यायालय के एक आदेश पर एक सप्ताह के लिए रोक लगा दी.
उक्त आदेश में नियमित जमानत के लिए उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी और 2002 में गोधरा बाद के बाद हुए (गुजरात) दंगों के मामले में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए साक्ष्य गढ़ने के आरोप में उन्हें तुरंत आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया गया था. देर रात हुई विशेष सुनवाई में न्यायमूर्ति बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील करने के लिए सीतलवाड को समय नहीं देने पर सवाल उठाया और कहा कि एक सामान्य अपराधी भी कुछ अंतरिम राहत का हकदार होता है.