नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच नेशनल हाईवे (एनएच 844) के विस्तार को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) के आदेश पर रोक लगा दी है. सर्वोच्च अदालत का कहना है कि जिस हद तक एनएचएआई को निर्माण के लिए सरकार से पर्यावरणीय मंजूरी लेनी थी, उसने जल निकायों और जंगल को नुकसान से बचाने के लिए फ्लाईओवर के निर्माण के लिए बदलाव किया है.
एनजीटी ने 2019 में राजमार्ग के विस्तार पर रोक लगा दी थी, जिसके खिलाफ भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की याचिका पर न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की खंडपीठ सुनवाई कर रही थी. अदालत ने याचिका पर नोटिस जारी किया और एनजीटी के आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें एनएचएआई ने मद्रास उच्च न्यायालय को आश्वासन दिया था कि परियोजना में पीडब्ल्यूडी, तमिलनाडु के सभी सुझावों का ध्यान रखा जाएगा.
इसलिए नहीं दिया एनजीटी की रिपोर्ट का तर्क
सुनवाई के दौरान एजी वेणुगोपाल ने अदालत को यह भी बताया कि एनजीटी ने सुनवाई नहीं की थी और मद्रास उच्च न्यायालय को यह नहीं पता था कि याचिकाकर्ता एनजीटी के पास भी गए थे. इसलिए हाईकोर्ट के समक्ष एनजीटी की रिपोर्ट का तर्क नहीं दिया गया था.