नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई जमानत शर्तों पर रोक लगा दी है. जिसके कारण आजम खान को जौहर विश्वविद्यालय के विध्वंस के लिए नोटिस जारी किया गया था. हालांकि कुछ शर्तें अभी भी बनी हुई हैं, जिन पर अदालत छुट्टी के बाद विचार करेगी.
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने टिप्पणी की है कि हाईकोर्ट की शर्तें असंगत थीं. वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, खान की ओर से पेश हुए और तर्क दिया कि आजम खान को नोटिस भेजा गया है कि दो भवनों को ध्वस्त कर दिया जाएगा. नोटिस में भवन खाली करने को कहा गया है. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि वे उस आदेश पर रोक लगाएंगे.
सिब्बल ने ऐसी शर्तों के बारे में भी आपत्ति जताई जैसे कोई स्थगन नहीं मांगा जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि ये इलाहाबाद एचसी द्वारा रखी गई सहज शर्तें हैं और वे छुट्टी से फिर से खुलने के बाद इन पर विचार करेंगे. अदालत ने सिब्बल से कहा कि आप इसे अनुमंडलीय जिलाधिकारी को दिखा सकते हैं क्योंकि हमने इस विशेष निर्देश पर रोक लगा दी है.