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जजों की नियुक्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की खिंचाई की, कहा सरकार न्याय को चोट पहुंचा रही है

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति अभय ओका की अध्यक्षता वाली दो-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि क्योंकि केंद्र सरकार न तो नामों को मंजूरी देती है और न ही अपनी आपत्तियां बताती है.

सुप्रीम कोर्ट ने जजों की नियुक्ति में हो रही देरी को लेकर विधि सचिव से स्पष्टीकरण मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने जजों की नियुक्ति में हो रही देरी को लेकर विधि सचिव से स्पष्टीकरण मांगा

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Published : Nov 11, 2022, 1:11 PM IST

Updated : Nov 11, 2022, 1:38 PM IST

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित नामों को लंबित रखने के लिए केंद्र के साथ नाराजगी व्यक्त की है. सुप्रीम कोर्ट ने जजों की नियुक्ति में हो रही देरी को लेकर विधि सचिव से स्पष्टीकरण मांगा है. उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के लिए नामित न्यायाधीशों के नामों को मंजूरी नहीं देने के लिए केंद्र की खिंचाई करते हुए शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को अपनी गहरी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि ऐसे व्यवहार से 'कानून और न्याय का नुकसान' होता है. ऐसा कर के सरकार सरकार न्याय को चोट पहुंचा रही है.

पढ़ें: कानून मंत्री का बड़ा बयान, 'न्यायपालिका में आंतरिक राजनीति, नियुक्ति प्रक्रिया पारदर्शी नहीं'

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति अभय ओका की अध्यक्षता वाली दो-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि क्योंकि केंद्र सरकार न तो नामों को मंजूरी देती है और न ही अपनी आपत्तियां बताती है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र द्वारा नामों को लंबित रखना और उन्हें मंजूरी नहीं देना 'स्वीकार्य' नहीं हो सकता. कोर्ट ने कानून सचिव को नोटिस जारी कर इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा है.

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत प्रतिष्ठित व्यक्तियों को रखने का मौका खो रही हैं. नामों को रोकना स्वीकार्य नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने भारत संघ को कई नामों को मंजूरी दे दी है. अदालत की शिकायत है कि उन्हें मंजूरी नहीं दी जा रही है. शीर्ष अदालत ने केंद्र को चेतावनी दी कि फिलहाल वह अवमानना ​​नोटिस जारी नहीं कर रही है. कानून मंत्रालय के खिलाफ अवमानना ​​का साधारण नोटिस ही जारी कर रही है.

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सुप्रीम कोर्ट विभिन्न अदालतों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के नामों को मंजूरी नहीं देने के लिए कानून और न्याय विभाग के सचिव बरुन मित्रा के खिलाफ एडवोकेट्स एसोसिएशन ऑफ बेंगलुरु द्वारा दायर एक अवमानना ​​​​याचिका पर सुनवाई कर रहा था.

Last Updated : Nov 11, 2022, 1:38 PM IST

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