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सुप्रीम कोर्ट ने नये संसद भवन के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक के खिलाफ याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को माना कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत निर्माणाधीन नए संसद भवन के ऊपर स्थापित शेर की मूर्ति राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह अनुचित उपयोग अधिनियम, 2005 का उल्लंघन नहीं करती है.

supreme court says Lion statue on top of new Parliament building not in violation of State Emblem Act
सुप्रीम कोर्ट ने नये संसद भवन के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक के खिलाफ याचिका खारिज की

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Published : Sep 30, 2022, 2:31 PM IST

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को माना कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत निर्माणाधीन नए संसद भवन के ऊपर स्थापित शेर की मूर्ति राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह अनुचित उपयोग अधिनियम, 2005 का उल्लंघन नहीं करती है. जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने ऐसा मानते हुए दो वकीलों द्वारा दायर एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया. याचिका में आरोप लगाया गया है कि इसका डिजाइन भारत के राजकीय राष्ट्रीय प्रतीक (अनुचित इस्तेमाल के खिलाफ प्रतिषेध) कानून का उल्लंघन है.

याचिकाकर्ता के इस तर्क पर कि नए प्रतीक में शेर अधिक आक्रामक प्रतीत होते हैं, जस्टिस शाह ने मौखिक रूप से कहा, 'यह धारणा व्यक्ति के दिमाग पर निर्भर करता है.' याचिकाकर्ता एडवोकेट अल्दानिश रीन ने तर्क दिया कि राष्ट्रीय प्रतीक के स्वीकृत डिजाइन के संबंध में कलात्मक नवाचार नहीं हो सकता है. याचिकाकर्ता ने यह भी तर्क दिया कि मूर्ति में 'सत्यमेव जयते' का लोगो नहीं है. हालांकि, पीठ ने कहा कि अधिनियम का कोई उल्लंघन नहीं है.

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बेंच ने कहा, 'याचिकाकर्ता पक्ष को व्यक्तिगत रूप से सुनने के बाद और जिस प्रतीक की शिकायत की गई है, उसका अध्ययन करने के बाद, यह नहीं कहा जा सकता है कि यह अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत है. यह नहीं कहा जा सकता है कि अधिनियम 2005 के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन किया गया है. खंडपीट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी. वकील अल्दानिश रीन और रमेश कुमार मिश्रा द्वारा दायर याचिका के इसका डिजाइन भारत के राजकीय राष्ट्रीय प्रतीक (अनुचित इस्तेमाल के खिलाफ प्रतिषेध) कानून का उल्लंघन है.

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