नई दिल्ली : केरल में पिछले साल सीमा शुल्क विभाग ने 30 किलो सोना जब्त किया था. इस मामले में 12 आरोपियों को एनआईए (National Investigation Agency-NIA) ने नामजद किया, जिन्हें बाद में केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) से जमानत मिल गई. अब ताजा घटनाक्रम में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एनआईए की उस अपील पर विचार करने से इनकार कर दिया है, जिसमें NIA ने 12 आरोपियों की जमानत रद्द करने की मांग की थी.
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने यह भी कहा कि केरल उच्च न्यायालय के फैसले से उत्पन्न कानूनी प्रश्न की जांच करने के लिए अदालत सहमत है. केरल हाईकोर्ट के फैसले में यह माना गया था कि सोने की तस्करी का अपराध, सरल (simplicitor), सीमा शुल्क अधिनियम के तहत कवर किया गया है और यह आतंकवादी अधिनियम की परिभाषा के अंतर्गत नहीं आएगा.
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सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और हृषिकेश रॉय की पीठ ने कहा कि वे (आरोपी) सभी सरकार के कर्मचारी हैं. हम जमानत रद्द करने के पहलू में नहीं जाएंगे. यदि आप चाहें तो हम कानूनी प्रश्न को खुला छोड़ सकते हैं.
इस मामले में एनआईए की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने कहा कि जमानत देने के अलावा, उच्च न्यायालय ने तस्करी के संबंध में आतंकवादी अधिनियम की परिभाषा की व्याख्या की है और इस पहलू पर शीर्ष अदालत को विचार करने की आवश्यकता है.
उन्होंने जब इस मुद्दे पर एक और अपील भी शीर्ष अदालत में लंबित रहने की बात बताई, तब इस पर पीठ ने कहा कि हम एक और एसएलपी (Special Leave Petition-SLP) पर नोटिस क्यों जारी करें, जबकि हम पहले ही इसकी जांच कर रहे हैं.