नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि यूपी पुलिस के कांस्टेबल भर्ती में अगर ओबीसी महिला वर्ग की कोई अभ्यर्थी 275.8928 अंक लाकर सामान्य वर्ग के अंतिम अभ्यर्थी से ज्यादा अंक लाती है तो उसे सामान्य वर्ग में ही रखा जाए. 2013 में कांस्टेबल पद की परीक्षा देने वाली ओबीसी और एससी महिला अभ्यर्थियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट और न्यायमूर्ति ऋषिकेश राॅय की बेंच ने यह फैसला सुनाया. अभ्यर्थियों में से एक ने आरोप लगाया था कि उसने सामान्य वर्ग की महिला अभ्यर्थी से ज्यादा अंक प्राप्त किए थे मगर उसकी जगह सामान्य वर्ग की अभ्यर्थी को नौकरी दे दी गई.
कम अंक के बावजूद अभ्यर्थी की भर्ती ठीक नहीं
कोर्ट ने कहा कि कम अंक के बावजूद अभ्यर्थी की भर्ती होना ठीक नहीं है लेकिन उस अभ्यर्थी ने अब ट्रेनिंग पूरी कर ली है और नौकरी कर रही है तो अब उसे हटाना ठीक नहीं है. अभी बहुत से कांस्टेबल के पद रिक्त हैं तो वह एक आदेश पारित कर रही है, जिससे सक्षम अभ्यर्थियों को नौकरी मिल सके. कोर्ट ने मामले से संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि 4 सप्ताह में सभी सक्षम अभ्यर्थियों को पत्र भेजें. सहमति मिलने पर दो सप्ताह के अंदर सभी औपचारिकताएं पूरी कर अगले एक सप्ताह में नियुक्ति पत्र भेज दें. वेतन और वरिष्ठता नियुक्ति पत्र जारी होने की तिथि के अनुसार होगा.