नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के एक व्यक्ति और उसकी पत्नी की सजा में बदलाव किया है, जिन पर अपनी बहू के साथ क्रूरता और उत्पीड़न करने का आरोप था. उत्पीड़न के कारण उसने खुद को आग लगाकर आत्महत्या कर ली. कोर्ट ने सास और ससुर को महिला को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी ठहराया, एक ऐसा आरोप जो ट्रायल कोर्ट द्वारा उन पर तय नहीं किया गया था.
शीर्ष अदालत ने कहा कि मृतिका के मृत्यु पूर्व दिए गए बयान से स्पष्ट रूप से संकेत मिलता है कि मृतिका मानसिक रूप से सदमे में थी और वह आरोपियों द्वारा दी गई यातना और उत्पीड़न को सहन करने में असमर्थ थी, जिसके कारण उसने आत्महत्या कर ली. न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट्ट और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने कहा कि आरोप तय करने में चूक अदालत को उस अपराध के लिए आरोपी को दोषी ठहराने से अक्षम नहीं करती है, जो रिकॉर्ड पर सबूतों पर साबित हुआ पाया जाता है.