दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

महिलाओं के लिए लैंगिग संवेदनशीलता की दिशा में सुप्रीम कोर्ट ने जारी की हैंडबुक - महिलाओं के लिए लैंगिग संवेदनशीलता

न्यायिक कार्यवाही में लैंगिक संवेदनशीलता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक हैंडबुक लॉन्च की, जिसमें लैंगिक रूढ़िवादिता से भरे शब्दों और वाक्यांशों को सूचीबद्ध किया गया है और हैंडबुक न्यायाधीशों को अदालत के आदेशों में उनके उपयोग से बचने के लिए भी आगाह करती है. इस बात की जानकारी भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने दी.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट

By

Published : Aug 16, 2023, 3:05 PM IST

नई दिल्ली:भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को कानूनी कार्यवाही में महिलाओं के बारे में लैंगिक रूढ़िवादिता को पहचानने, समझने और उसका मुकाबला करने में न्यायाधीशों और वकीलों की सहायता के लिए एक हैंडबुक जारी की. न्यायाधीशों और वकीलों दोनों के लिए उपलब्ध कराई गई हैंडबुक में लैंगिक अनुचित शब्दों की एक शब्दावली है और वैकल्पिक शब्द या वाक्यांश सुझाए गए हैं जिनका उपयोग दलीलों, आदेशों और निर्णयों में किया जा सकता है.

यह रूढ़िवादिता की व्याख्या करता है और लैंगिक रूढ़िवादिता को बढ़ावा देने वाली भाषा की पहचान कर वैकल्पिक शब्द और वाक्यांश प्रदान कर न्यायाधीशों को उनसे बचने में मदद करता है. सीजेआई चंद्रचूड़ ने खुली अदालत में वकीलों को संबोधित करते हुए कहा कि हैंडबुक महिलाओं के बारे में आम रूढ़ियों की पहचान करती है, जिनमें से कई का उपयोग अतीत में अदालतों द्वारा किया गया है और यह दर्शाता है कि वे कैसे गलत हैं और वे कानून के अनुप्रयोग को कैसे विकृत करते हैं.

उन्होंने कहा कि हैंडबुक का विमोचन संदेह पैदा करने या पिछले निर्णयों की आलोचना करने के लिए नहीं है, बल्कि यह इंगित करने के लिए है कि कैसे अनजाने में रूढ़िवादिता को नियोजित किया जा सकता है. हैंडबुक में लिंग आधारित रूढ़िवादिता को खारिज करने वाले सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसले भी शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि हैंडबुक जल्द ही सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी, साथ ही वीडियो ट्यूटोरियल के साथ ई-फाइलिंग पर एक यूजर मैनुअल और एफएक्यू भी उपलब्ध कराया जाएगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details