नई दिल्ली/ मुंबई : सुप्रीम कोर्ट ने लवासा मामले में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, राज्य में विपक्ष के नेता अजित पवार और सांसद सुप्रिया सुले को नोटिस जारी किया है. इन सभी को सुप्रीम कोर्ट ने बहुचर्चित लवासा मामले में छह सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है.
बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को याचिकाकर्ता नानासाहेब जाधव ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के एक फैसले के खिलाफ अपील में नोटिस जारी किया, जिसमें लवासा कॉर्पोरेशन लिमिटेड को लवासा हिल स्टेशन परियोजना के लिए जमीन खरीदने की अनुमति को चुनौती देने वाली याचिकाओं में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था.
उच्च न्यायालय के समक्ष याचिकाकर्ताओं नानासाहेब वसंतराव जाधव और अन्य ने तर्क दिया था कि परियोजना को विकसित करने के लिए लवासा निगम को दी गई अनुमति पूरी तरह से अवैध थी. याचिकाकर्ताओं ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी एनसीपी प्रमुख शरद पवार, उनकी बेटी और सांसद सुप्रिया सुले और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के खिलाफ आरोप लगाए थे.
शीर्ष अदालत के समक्ष अपनी एसएलपी में याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है कि 2002 में निगम को मामूली रकम पर हिल स्टेशनों के रूप में अधिसूचित 18 गांवों की भूमि से प्रभावित किसानों के साथ अन्याय हो रहा है. यह भी तर्क दिया गया कि लवासा लेक सिटी परियोजना को महाराष्ट्र क्षेत्रीय नगर नियोजन अधिनियम, 1966 और महाराष्ट्र कृष्ण घाटी विकास निगम अधिनियम, 1996 का पूर्ण उल्लंघन कर विकसित किया जा रहा है.
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