नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को कथित अपमानजनक ट्वीट को लेकर उत्तर प्रदेश में दर्ज सभी मामलों में बुधवार को जमानत दे दी. शीर्ष अदालत ने यह भी आदेश दिया कि अगर उनके खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई के लिए कोई अन्य प्राथमिकी दर्ज की जाती है तो उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया जाएगा. पीठ ने मोहम्मद जुबैर के खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) को भंग करने का निर्देश दिया.
मोहम्मद जुबैर को यूपी में दर्ज सभी FIR में मिली जमानत, SC ने SIT को किया भंग, सारे केस दिल्ली ट्रांसफर - मोहम्मद जुबैर मामले पर सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद जुबैर को यूपी में दर्ज सभी छह FIR में अंतरिम जमानत दे दी है. साथ ही शीर्ष अदालत ने मोहम्मद जुबैर के ट्वीट की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित एसआईटी को भंग कर दिया है.
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष 20,000 रुपये का एक मुचलका (जमानत बॉन्ड) जमा करने के बाद जुबैर को उत्तर प्रदेश में दर्ज सभी मामलों में जमानत पर रिहा किया जाएगा. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में जुबैर के खिलाफ उत्तर प्रदेश में दर्ज सभी मामलों को दिल्ली पुलिस को जांच के लिए सौंप दिया और उन्हें दिल्ली पुलिस के एक विशेष प्रकोष्ठ द्वारा दर्ज की गई मौजूदा प्राथमिकी के साथ जोड़ दिया है.
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