दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

SC On Money Laundering Case: सुप्रीम कोर्ट ने धनशोधन मामले में रियल्टी फर्म एम3एम के दो निदेशकों को दी जमानत - उच्चतम न्यायालय

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गुरुग्राम स्थित रियल्टी समूह एम3एम के निदेशक बसंत बंसल और पंकज बंसल को जमानत दे दी. दो जजों की पीठ ने वकीलों की दलीलें सुनने के बाद 11 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था और रियल्टी फर्म के निदेशकों को राहत दी.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट

By PTI

Published : Oct 3, 2023, 4:02 PM IST

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने धनशोधन मामले में गुरुग्राम स्थित रियल्टी समूह एम3एम के निदेशकों बसंत बंसल और पंकज बंसल की जमानत याचिका मंगलवार को मंजूर कर ली. न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने वकीलों की दलीलें सुनने के बाद 11 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था. पीठ ने रियल्टी फर्म के निदेशकों को जमानत दे दी.

निदेशकों ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के 20 जुलाई के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था. उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि यह मामला काफी गंभीर प्रकृति का है. इससे पहले, बसंत और पंकज बंसल को कथित रिश्वत मामले से जुड़ी धनशोधन संबंधी जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था. शीर्ष अदालत ने बसंत और पंकज बंसल की याचिका पर 11 अगस्त को केंद्र और प्रवर्तन निदेशालय से जवाब मांगा था.

धनशोधन के जिस मामले में बसंत और पंकज बंसल को गिरफ्तार किया गया है, वह अप्रैल में हरियाणा पुलिस के भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) द्वारा प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के मामलों के पूर्व विशेष न्यायाधीश सुधीर परमार, उनके भतीजे और एम3एम ग्रुप के एक अन्य निदेशक रूप कुमार बंसल के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी से संबंधित है. मामला उस वक्त का है, जब परमार पंचकूला में पदस्थापित थे.

प्राथमिकी के अनुसार, ईडी को विश्वसनीय जानकारी मिली थी कि परमार आरोपी रूप कुमार बंसल, उनके भाई बसंत बंसल और रियल एस्टेट फर्म आईआरईओ के मालिक ललित गोयल के खिलाफ अपनी अदालत में लंबित ईडी और सीबीआई के मामलों में उनकी (आरोपियों की) तरफदारी कर रहे थे.

परमार को एसीबी का मामला दर्ज होने के बाद पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने निलंबित कर दिया था. ईडी ने कहा है कि उसने गिरफ्तारी से पहले प्राथमिकी में लगाए गए आरोपों के संबंध में बैंक स्टेटमेंट और धन के लेन-देन जैसे आपत्तिजनक साक्ष्य एकत्र किए हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details