नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता नवाब मलिक को दो महीने के लिए मेडिकल जमानत दे दी. शुरुआत में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह निर्धारित समय अवधि के लिए चिकित्सा आधार पर मांगी गई जमानत का विरोध नहीं करेंगे.
मलिक का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके मुवक्किल का स्वास्थ्य अच्छी स्थिति में नहीं है और उन्होंने शीर्ष अदालत से उन्हें चिकित्सा जमानत देने का आग्रह किया. सिब्बल ने कहा कि मलिक किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं और उनका इलाज भी चल रहा है. जस्टिस अनिरुद्ध बोस और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने स्पष्ट किया कि जमानत केवल चिकित्सा आधार पर दी जा रही है, योग्यता के आधार पर नहीं.