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सुप्रीम कोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों को दी राहत, इलाहाबाद हाईकोर्ट के फीस वापसी के आदेश पर लगाई रोक - SC gives relief to private schools

सुप्रीम कोर्ट ने कोविड काल में स्कूलों की ओर से ली गई फीस के 15 फीसदी वापसी या समायोजित पर रो क लगी दी है. जिला विद्यालय निरीक्षक को सभी विद्यालयों से 28 अप्रैल तक बीते 2 सालों की फीस समायोजन की डिटेल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था.

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Published : May 4, 2023, 10:38 PM IST

लखनऊ:सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के प्राइवेट विद्यालयों को कोविड-19 के दौरान भुगतान की गई 15 प्रतिशत फीस वापस या समायोजित करने का निर्देश देने वाले इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी है. इस आदेश के आने पर प्रदेश के निजी विद्यालयों ने राहत की सांस लीं. इस पर राजधानी के प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन (यूपीएसए) अध्यक्ष अनिल अग्रवाल का कहना है कि यूपीएस के समस्त विद्यालय सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का पूर्ण रूप से पालन करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी. जिसमें उत्तर प्रदेश के विद्यालयों को 2020-21 के शैक्षणिक सत्र के दौरान ली गई. अतिरिक्त फीस का 15 प्रतिशत वापस करने या समायोजित करने का निर्देश दिया गया था.

शीर्ष अदालत के समक्ष याचिकाकर्ता, एक निजी विद्यालय ने इस निर्देश को यह दावा करते हुए चुनौती दी कि यह खुद को या किसी अन्य निजी विद्यालय को अवसर दिए बिना पारित किया गया था. यह स्थगन आदेश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की खंडपीठ ने पारित किया. उच्च न्यायालय ने जनवरी में निर्देश दिया था कि इंडियन स्कूल, जोधपुर बनाम राजस्थान राज्य के अपने फैसले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित शुल्क से अधिक भुगतान किया गया. शुल्क भविष्य के शुल्क के रूप में समायोजित होगा.

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उच्च न्यायालय के निर्देश शीर्ष अदालत द्वारा इंडियन स्कूल मामले में दिये गये निदेर्शों से परे हैं. यह तर्क दिया गया था कि आदेश प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के उल्लंघन में पारित किया गया था. क्योंकि इसे सुनवाई और अपना मामला पेश करने का अवसर नहीं दिया गया. इस बाबत यूपीएसए अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा कि यूपीएस के समस्त विद्यालय सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का पूर्ण रूप से पालन करेंगे. जब तक इस संबंध में कोई अंतिम आदेश नहीं आता है, तब तक शुल्क वापसी की इस प्रक्रिया को रोक दिया जाएगा.

28 अप्रैल तक प्राइवेट विद्यालयों को तीन चीजों की जानकारी देनी थी:जिला विद्यालय निरीक्षक सभी प्राइवेट विद्यालयों को आर्डर जारी कर 28 अप्रैल तक तीन चीजों की जानकारी मांगी गई थी. जिसमें सभी विद्यालयों को यह बताना है कि उन्होंने 15% फीस किन-किन विद्यार्थियों को वापस की है. उनका नाम, कक्षा व कितनी धनराशि वापस की है. इसकी जानकारी उपलब्ध कराना था. दूसरी जानकारी में विद्यालयों को मौजूदा सत्र में कितने विद्यार्थियों को 15% फीस वापसी की गई, इसकी जानकारी जिसमें विद्यार्थी के नाम कक्षा व कुल धनराशि बतानी थी. वहीं, तीसरी जानकारी के तहत विद्यालयों को यह बताना है कि उन्होंने विद्यार्थियों को फीस नहीं वापस की है और इसका कारण क्या है.

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