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SC on Maharashtra Assembly Speaker: सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर समयसीमा बताने का दिया आखिरी मौका

सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को एकनाथ शिंदे गुट के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय के लिए समयसीमा प्रदान करने का अंतिम अवसर दिया. स्पीकर का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल ने पीठ से कहा कि अयोग्यता याचिका पर निर्णय लेने का सवाल है, तो समयसीमा तय करने के लिए कुछ समय और चाहिए. Supreme Court, Plea of Maharashtra Assembly Speaker, SC on Maharashtra Assembly Speaker.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 17, 2023, 6:01 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को एकनाथ शिंदे गुट के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर त्वरित निर्णय के लिए यथार्थवादी समयसीमा प्रदान करने का अंतिम अवसर दिया. इसी के साथ कोर्ट ने कहा कि सुरंग के अंत में कुछ रोशनी होने दें.

स्पीकर का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष कहा कि जहां तक अयोग्यता याचिका पर निर्णय लेने का सवाल है, उन्हें एक यथार्थवादी समय सीमा तय करने के लिए कुछ और समय चाहिए.

पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे, ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष इस अदालत के अधिकार क्षेत्र के प्रति उत्तरदायी हैं और पूछा कि वह अयोग्यता याचिकाओं पर कब फैसला कर रहे हैं. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि 'सदन के पटल पर क्या होता है, उस पर हमारा कोई प्रभाव नहीं है. वहां हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे... श्री एसजी को निर्णय करना है... इस बीच वह साक्षात्कार दे रहे हैं कि हम सरकार की सह-समान शाखा हैं...'

पीठ ने कहा कि स्पीकर की जांच एक सीमित जांच है और मेहता से अदालत को एक यथार्थवादी समयसीमा देने को कहा, अन्यथा अदालत एक समयसीमा तय करेगी. मेहता ने कहा कि वह स्पीकर के साथ बैठेंगे और एक यथार्थवादी समयरेखा प्रदान करेंगे. पीठ ने कहा कि 'याचिकाओं के निपटान के लिए एक यथार्थवादी समय-सारणी निर्धारित करने का अंतिम अवसर दिया जाना चाहिए. सूची 30 अक्टूबर, 2023…'

सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने मेहता से कहा कि 'अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला स्पीकर को करना है. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि स्पीकर को सभी पक्षों के साथ बैठने दें और एक कार्यक्रम तय करने दें, और सुरंग के अंत में कुछ रोशनी होने दें.' मेहता ने कहा कि कई आवेदन दायर किए गए हैं. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि 'शुरुआती याचिकाएं जून और जुलाई 2022 के बीच हैं और दूसरा बैच जुलाई और सितंबर 2023 के बीच है.'

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि ये सारांश कार्यवाही हैं और ये भारत के चुनाव आयोग के समक्ष कार्यवाही नहीं हैं, जहां यह तय करने के लिए साक्ष्य दायर करना होता है कि किस पार्टी के पास कौन सा प्रतीक है और स्पीकर को निपटान पर कार्यक्रम दिखाना होगा. मुख्य न्यायाधीश ने मेहता से कहा कि जब तक आप अदालत को आश्वस्त नहीं करेंगे कि आप स्पीकर के साथ बैठेंगे और यह स्पष्ट कर दें कि अदालत अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय लेने के लिए प्रदान की गई समय-सारणी से संतुष्ट नहीं है.

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