दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

आरक्षण मामले में विशेष तटस्थ पीठ की मांग करने वाले याचिकाकर्ता पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाया जुर्माना - सुप्रीम कोर्ट

लंबित आरक्षण मामले की सुनवाई करने के लिए एक विशेष तटस्थ पीठ की मांग करने वाले याचिकाकर्ता पर सुप्रीम कोर्ट ने 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट

By

Published : Jul 20, 2023, 5:50 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित आरक्षण मामले की सुनवाई के लिए एक विशेष तटस्थ पीठ की मांग करने वाले याचिकाकर्ता पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है, जिसमें न तो ओबीसी श्रेणी से और न ही अनारक्षित श्रेणी से सदस्य शामिल हों.

न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने 17 जुलाई के अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से उपस्थित विद्वान वकील श्री उदय कुमार को सुना गया. उच्च न्यायालय के आक्षेपित आदेश में हमें जो एकमात्र कमज़ोरी दिखती है, वह यह है कि उस वादी पर भारी जुर्माना नहीं लगाया गया, जिसने रिट याचिका के लिए अपनी इच्छानुसार एक पीठ के गठन की मांग करते हुए एक शरारती अंतर्वर्ती अनुप्रयोग दायर किया था.

शीर्ष अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि नतीजतन, इस गलत धारणा वाली विशेष अनुमति याचिका को याचिकाकर्ता पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाते हुए खारिज कर दिया गया है. लागत राशि आज से एक महीने के भीतर सुप्रीम कोर्ट कानूनी सेवा समिति के पास जमा की जाएगी. लागत जमा होने के तुरंत बाद लागत भुगतान पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी.

लोकेंद्र गुर्जर ने 20 मार्च के मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया, जिसने मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण की मात्रा से संबंधित याचिकाओं की सुनवाई के लिए एक विशेष पीठ गठित करने से इनकार कर दिया था. हाई कोर्ट ने कहा था कि इस न्यायालय को इसमें कोई संदेह नहीं है कि आईए इस न्यायालय को डराने, न्याय की महिमा को कम करने और न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप करने का एक और प्रयास है.

उच्च न्यायालय ने कहा था कि याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि ये याचिकाएं या तो ओबीसी श्रेणी के उम्मीदवारों द्वारा या अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों द्वारा दायर की गई हैं. हाई कोर्ट के आदेश पर गौर किया कि पूर्व में ओबीसी श्रेणी से संबंधित याचिकाकर्ताओं ने सार्वजनिक सेवा में ओबीसी श्रेणी के लिए आरक्षण को 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने की मांग की है. जबकि बाद में अनारक्षित वर्ग से संबंधित याचिकाकर्ताओं ने इस वृद्धि पर आपत्ति जताई है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details